राहत के बदले रिश्वत मामला…

राहत के बदले रिश्वत मामला…

सीबीआई ने अपने चार अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया…

नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को अपने ही चार कर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। ये अधिकारी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल द्वारा बैंक से 4,300 करोड़ रुपये की कथित तौर पर धोखाधड़ी करने की जांच कर रहे थे और उनपर कंपनी को राहत देने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप है।

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने मामले में आरोपी स्टेनोग्राफर समीर कुमार को भी गिरफ्तार किया है और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि सीबीआई ने अपने दो उपाधीक्षकों- आर के ऋषि और आर के सांगवान- निरीक्षक कपिल धनखड़ के साथ एक वकील पर कथित रूप से एजेंसी में ही बैंक धोखाधड़ी की आरोपी कंपनी की मदद के लिए रिश्वतखोरी का नेटवर्क चलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।

उन्होंने बताया कि तीनों को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि इनके खिलाफ जांच की शुचिता के साथ समझौता करने के लिये प्राथमिकी दर्ज की गई है।

प्राथमिकी में श्री श्याम पल्प ऐंड बोर्ड मिल के अतिरिक्त निदेशक मनदीप कौर ढिल्लों , फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के निदेशक सुजय देसाई और उदय देसाई को भी नामजद किया गया है।

यह आरोप है कि भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक और एजेंसी में प्रतिनियुक्ति पर निरीक्षक पद पर तैनात धनखड़ ने ऋषि और सांगवान के साथ साठगांठ की और 700 करोड़ रुपये ऋण मामले में जांच का सामना कर रही कंपनी श्री श्याम पल्प व 3600 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के मामले में जांच का सामना कर रहे फ्रॉस्ट इंटरनेशनल की जांच से जुड़ी अहम जानकारी देने के एवज में नियमित रूप से पैसे लिए।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…