बिना न्यूनतम उम्र के 4 साल से नौकरी, विधान सभा अध्यक्ष से शिकायत…
लखनऊ 4 मार्च। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने विधान सभा सचिवालय के दो कर्मियों नीरज अवस्थी तथा देवेन्द्र सिंह द्वारा न्यूनतम आयु नहीं होने के बाद भी फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने के मामले में विधान सभा अध्यक्ष को शिकायत भेजी है।
अपनी शिकायत में नूतन ने कहा है कि इन दोनों कर्मियों को 25 फ़रवरी 2009 को न्यूनतम आवश्यक आयु से कम आयु होने के बाद भी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी दी गयी। दिसंबर 2011 को इस संबंध में शिकायत हुई तो मई 2012 में जाँच बैठाई गयी, जिनके द्वारा अत्यंत विलंब से दिसंबर 2013 में जाँच आख्या दी गयी। इस जाँच आख्या में इन दोनों अभ्यर्थियों द्वारा आयु का गलत आगणन अंकित करने, विभिन्न परीक्षाओं के फर्जी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने, आवेदनपत्र प्राप्त होने के अंतिम तिथि के बाद के अभिलेखों को आवेदनपत्र के साथ संलग्न करने जैसी अनियमितताओं का दोषी पाया गया। इसके 1 साल बाद 04 दिसंबर 2014 को इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया। इसके बाद भी ये दोनों 2.5 साल नौकरी करते रहे तथा 14 जून 2017 को ही इन्हें नौकरी से निकालने का आदेश हुआ। इसके बाद भी इन्हें नौकरी से निकाला नहीं गया। इन दोनों ने जुलाई 2017 को इस आदेश के खिलाफ विधान सभा अध्यक्ष के सामने अपील किया, जिसपर दंड आदेश को रोक दिया गया। तब से यह अपील लंबित है और ये आज तक सेवा में बने हुए हैं।
नूतन ने इसे अत्यंत गंभीर स्थिति बताते हुए विधान सभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित को तत्काल पत्रावली तलब कर अपील को निस्तारित करने तथा फर्जी प्रमाणपत्र के संबंध में मुक़दमा दर्ज कराये जाने का अनुरोध किया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…