*स्पेशल डीजीपी की कार से निकलकर “भागी” महिला आईपीएस, आखिर क्यों ….?*
*यौन शोषण के आरोप के बाद स्पेशल डीजीपी पद से हटाए गए: वीआईपी ड्युटी में थे दोनों अधिकारी*
*जांच के लिए कमेटी गठित, मुख्यमंत्री बोले अभी कोई सबूत नहीं मिला*
*लखनऊ/चेन्नई।* महिला आईपीएस ऑफिसर द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाए जाने के बाद तमिलनाडु सरकार ने राज्य के स्पेशल डीजीपी को उनके पद से हटा दिया है, हालांकि शिकायत मिलने के बाद नाटकीय अंदाज में घटनाएं हुईं। शिकायत करने वाली महिला ऑफिसर लगभग 40 मिनट तक स्पेशल डीजीपी के साथ कार में रहीं और फिर निकलकर भागने लगीं। कार रोकने के बाद गेट से निकलकर वह पैदल दौड़ने लगीं, बाद में 150 पुलिसकर्मियों ने उन्हें “घेर” लिया।
ये नाटकीय घटनाक्रम सोमवार की दोपहर का बताया गया है। एक दिन पहले ही गृह मंत्रालय में शिकायत की गई थी, शिकायत के बाद सरकार ने स्पेशल डीजीपी राजेश दास को उनके पद से हटा दिया। गृह मंत्रालय ने मामले की जांच करने के लिए 6 सदस्यों की कमेटी बना दी। मुख्यमंत्री पलनिस्वामी ने कहा है कि अब तक की जांच में फिलहाल कुछ साबित नहीं हुआ है। पद से हटाए गए आईपीएस का कहना है कि ‘यह सब पॉलिटिकली मोटिवेटेड है, यह झूठी शिकायत है। आप जांच के परिणाम का इंतजार करिए।’
वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक त्रिची और चेन्नै हाइवे पर ये “घटना” घटी। मुख्यमंत्री का काफिला चुनावी प्रचार के लिए कोंगू जा रहा था और स्पेशल डीजीपी वीआईपी ड्यूटी करने के बाद वापस अपने घर जा रहे थे। रास्ते में शिकायतकर्ता का भी क्षेत्र था जहां उन्हे वरिष्ठ अधिकारी को रिसीव करना था। शिकायतकर्ता महिला आईपीएस का कहना है कि सामान्यतः सैल्यूट करने के बाद काफिले में शामिल होना होता है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे कार में बैठने के लिए कहा। कार लगभग 40 मिनट चलती रही, इसके बाद जैसे ही अगले पॉइंट पर कार रुकी महिला ऑफिसर दाहिनी ओर का गेट खोलकर निकली और भागने लगी। वह कुछ बता नहीं पाईं बस अपनी कार लाने को कह रही थीं।
इस मामले में आईजीपी शंकर ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि मामला जांच का विषय है। इस घटना के बाद आईपीएस ऑफिसर्स ने दास को सस्पेंड करने की मांग की है। (28 फरवरी)
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*