आंगनबाड़ी का शिक्षण कार्य अति महत्वपूर्ण होता है…

आंगनबाड़ी का शिक्षण कार्य अति महत्वपूर्ण होता है…

किन्तु कोरोना के कारण आधी-अधूरी शिक्षा हो पाई…

लखनऊ 08 फरवरी। आंगनबाड़ी का शिक्षण कार्य अति महत्वपूर्ण होता है, किन्तु कोरोना के कारण आधी-अधूरी शिक्षा हो पाई। लेकिन अब विद्यालय खुल रहे हैं। शिक्षकों को अब पूरी तन्यमयता के साथ शिक्षण कार्य करना चाहिए। यह विचार उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज विकास खण्ड सरोजनीनगर के ग्राम धामापुर में 40 आंगनवाड़ी केन्द्रों के बच्चों को खेल-खेल में शिक्षण कार्य से जुड़े खेलकूद के सामान उपलब्ध कराते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अब शिक्षा पद्धति बदल गई है। पूर्व में हम चाॅक और स्लेट पर पढ़ते थे, लेकिन आज के बच्चों की बौद्धिक क्षमता अधिक है। इस दृष्टि से शिक्षा जगत में बदलाव किये जा रहे है, जिन्हें अपनाने की जरूरत है, शिक्षकगण उसी के अनुसार अपने को अपडेट करें।
राज्यपाल ने कहा कि नवीनतम शिक्षा पद्धति के तहत आज बच्चों को ये सामान उपलब्ध कराये जा रहे है, जो राजभवन की प्रेरणा से डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से सम्बद्ध 26 इंजीनियरिंग कालेजों के सहयोग से दिया गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को इनके मिलने से उनमें आकर्षण पैदा होगा और वे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रसन्नता से आयेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे आंगनबाड़ी केन्द्रों को हरहाल में आकर्षण का केन्द्र बनना चाहिए। राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को हिदायत दी कि वे अनिवार्य व नियमित रूप से पठन-पाठन एवं खेलकूद सामग्री बच्चों को उपलब्ध करायें।
आनंदीबेन पटेल ने ग्रामवासियों से अपील की कि वे अपने आंगनवाड़ी केन्द्रों व प्राथमिक विद्यालयों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। जनप्रतिनिधि तथा गांव के संभ्रान्त लोग यह प्रयास करें कि गर्भवती महिलाओं का सौ प्रतिशत प्रसव अस्पतालों में ही हो, ताकि बच्चे स्वस्थ पैदा हों। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उचित पोषण के लिये सरकार 5 हजार रूपये उपलब्ध कराती हैं ताकि महिलाओं की उचित पोषण की व्यवस्था हो सके। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को निर्देश दिये कि वे गर्भवती महिलाओं से हिसाब का ब्यौरा लेती रहें ताकि यह पैसा व्यर्थ न जाये।
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार कुपोषित बच्चों के लिये उचित पोषण की व्यवस्था आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से करती है। कोरोना के कारण अभी तक आंगनवाड़ी केन्द्र बंद थे, किन्तु अब कोरोना धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है और आंगनबाड़ी केन्द्र खुल रहे हैं। अब पुनः राज्य सरकार का पोषण उन्हें मिलने लगेगा। समस्त अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र भेजना सुनिश्चित करें। इतना ही नहीं ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य तथा अन्य अभिभावक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयें और आहार का परीक्षण भी करें। उन्होंने कहा कि सबकी जिम्मेदारी है कि गांव में एक भी बच्चा टी0बी0ग्रस्त और कुपोषित न हो।
इस अवसर पर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। राज्यपाल ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों का हौसला बुलन्द है। उन्होंने कहा कि बच्चों में नेतृत्व की भावना विकसित करें, बच्चों में सिखने की भावना अधिक होती है, हमें उन पर विश्वास करना चाहिए। अतः शिक्षकगण उन्हें आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करें। गलतियां होती रहती हैं, लेकिन उन्हें सुधारकर आगे बढ़ने की प्रवृत्ति बच्चों में डाले। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी प्रभास कुमार, डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के रजिस्ट्रार नन्दलाल, जनप्रतिनिधिगण सहित आंगनबाड़ी कार्यक़़त्रियां एवं बड़ी संख्या में अन्य लोग भी उपस्थित थे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…