सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग में उज्ज्वल भविष्य…
लोगों में प्रतिभा तो होती है परंतु उसे समझने और निखारने की आवश्यकता होती है। उन्हें प्रशिक्षण मुहैया कराने के लिए कई संस्थानों में संबंधित कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। इस फील्ड में पहले पाठ्यक्रम नहीं थे लेकिन अब सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षकों के लिए शिक्षण कार्य भी बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है। सॉफ्ट स्किल की क्षमता आपके करियर को नई दिशा देती है। अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग तकनीकी रूप से बड़े प्रतिभावान होते हैं। साथ ही, वे अपने क्षेत्र में निपुण भी होते हैं किंतु एक निश्चित बिंदु पर उनके करियर में ठहराव-सा आ जाता है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनमें नेतृत्व क्षमता, समूह में काम करना, सामाजिक सम्प्रेषण और संबंध निर्माण आदि कौशल का अभाव होता है। सॉफ्ट स्किल व्यापक क्षेत्र है, जिसमें सम्प्रेषण कौशल, श्रवण कौशल, टीम कौशल, नेतृत्व के गुण, सृजनात्मकता और तर्कसंगत, समस्या निवारण, कौशल और परिवर्तनशीलता आदि सम्मिलित हैं। सॉफ्ट स्किल के गुण किताबों से नहीं सीखे जाते, बल्कि इसके लिए प्रशिक्षण कारगर होते हैं।
यदि आप सही अर्थों में अपने व्यक्तित्व में सॉफ्ट स्किल्स जोड़ना चाहते हैं तो आपको एक अच्छा, मेहनती और सीखने वाला बनकर उन सब बातों को, जो कुछ भी आपने व्यावहारिक रूप से ग्रहण किया है, व्यवहार में लाना होगा। कुछ ऐसे सॉफ्ट स्किल्स भी हैं जो आपकी रोजगार की संभावनाओं और व्यक्तित्व में सुधार कर स्थायी और अच्छी सैलरी पर नौकरी प्राप्त करने में सहयोग करता है।
प्रभावी सम्प्रेषण:- कौशल प्रभावी सम्प्रेषण कौशल में सार्वजनिक भाषणों, प्रस्तुतीकरण, बातचीत, संघर्ष समाधान ज्ञानिवतरण आदि के लिए मौखिक कौशल, अनुदेश मैनुअल तैयार करना, ज्ञापन, सूचनाएं लिखना, कार्यालयीन पत्र व्यवहार आदि के लिए लेखन कौशल शामिल हैं। इनमें मौखिक और गैर-मौखिक, दोनों ही शामिल है। चूंकि हमारा सम्प्रेषण का आधिकारिक माध्यम अंग्रेजी है, इसलिए इसमें कुछ हद तक अंग्रेजी में दक्षता होनी जरूरी है।
सामूहिक कार्य:- कौशल अंतर्वैयक्तिक और सामूहिक कार्य कौशल उच्चतर उत्पादकता तथा बेहतर वातावरण के लिए योगदान करते हैं क्योंकि इनसे व्यक्ति संयुक्त लक्ष्य हासिल करने हेतु मिलकर कार्य करते हैं। यह सम्प्रेषण टीम सदस्यों के बीच एक गतिशील पारस्परिक क्रिया की स्थापना, फीडबैक का आमंत्रण, उसे प्रदान करना तथा संघर्ष की स्थिति को हल करना अपेक्षित होता है।
ज्ञानात्मक कौशल:- अपने रोजमर्रा के जीवन में अक्सर आपको ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जब आप सही फैसले करने में असमर्थ होते हैं। आपके सामने ऐसी स्थितियां उत्पन्न होने की ज्यादा संभावनाएं उस वक्त होती हैं जब आप किसी संगठन में कार्य करते हैं। ऐसी दबावपूर्ण स्थितियों का मुकाबला करने के लिए आपको कुछेक ऐसे कौशल विकसित करने की आवश्यकता है जो आपको निर्णय लेने, सृजनात्मक एवं अन्वेषणात्मक समाधान विकसित करने, व्यावहारिक हल ढूंढने, समस्याओं का स्वतंत्र रूप से पता लगाने, उनको हल करने और विभिन्न क्षेत्रों में समस्याओं के निदान में कार्य नीतियां लागू करने में मददगार हो सकते हैं।
नौकरियां:- आजकल ज्यादातर संगठन अपने कर्मचारियों में उनके सकारात्मक, सम्प्रेषण, अंतर्वैयक्तिक और टीम कौशल, समस्या निदान, अनुकूलनशीलता और कार्य पद्धति में सुधार हेतु प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इससे एक तरफ जहां उनके व्यवसाय और व्यक्तिगत जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, वहीं दूसरी तरफ सं गठन की उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। अतः सॉफ्ट स्किल में पाठय़क्रम पूरा करने के उपरांत कोई व्यक्ति किसी निजी या सार्वजनिक संगठन में सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षक के रूप में रोजगार प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा, आप अपना स्वयं का ट्रेनिंग सेंटर भी खोल सकते हैं।
व्यक्तित्व संबंधी गुण:- समय के साथ-साथ अब फोकस एक सामान्य व्यक्ति से सुशिक्षित और परिष्कृत व्यक्तित्व की ओर हो गया है। विभिन्न संगठनों, खासकर कंपनियों को ऐसे व्यक्तियों की तलाश रहती है जो कुशाग्र और सुशिक्षित होते हैं। उनमें ऐसे सम्प्रेषण कौशल होने चाहिए कि वे सबसे आगे रहें।
इसके लिए वे अपने कर्मचारियों को भर्ती के उपरांत प्रशिक्षण प्रदान करते हैं लेकिन वे उन व्यक्तियों को वरीयता देते हैं जो पहले से अपने क्षेत्र में बेहतर होते हैं। चूंकि ज्यादातर लोग प्रतिभाओं के साथ जन्म लेते हैं, परंतु उन्हें परिष्कृत और शिक्षित करने की आवश्यकता होती है। उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बाजार में बहुत से संस्थान संचालित किए जा रहे हैं। ये संस्थान काफी धन अर्जन कर रहे हैं और इस तरह सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षकों को आकर्षक रोजगार का विकल्प प्रदान कर रहे हैं।
वेतन:- इस सेक्टर में काफी अच्छा वेतन है। चूंकि यह कल्चर प्राइवेट कंपनियों और वैश्वीकरण के कारण तेजी फला-फूला है, इसलिए इसकी ग्रोथ भी ज्यादा है।
योग्यताएं:- पहले इस फील्ड में पाठ्यक्रम नहीं चलाए जाते थे लेकिन अब सॉफ्ट स्किल प्रशिक्षकों के लिए शिक्षण कार्य भी एक अच्छे विकल्प के रूप में उभरकर सामने आया है क्योंकि सभी इंजीनियरिंग और प्रबंध संस्थानों में तकनीकी कौशल एक अनिवार्य विषय के रूप में शामिल होता है। वहां पर छात्रों को साक्षात्कार और समूह र्चचा में बेहतर प्रदर्शन के लिए अपेक्षित अन्य वैयक्तिक कौशलों के साथ-साथ प्लेसमेंट और सम्प्रेषण कौशलों के लिए प्रशिक्षित और तैयार किया जाता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…