जातिगत भेदभाव को जड़ से दूर करती है सामाजिक समरसता…

जातिगत भेदभाव को जड़ से दूर करती है सामाजिक समरसता…

लखनऊ 26 जनवरी। सामाजिक समरसता ऐसा विषय है जिसे कार्यान्वित करना आज समाज एवं राष्ट्र की मूलभूत आवश्यकता है। प्रमिलादेवी फाउंडेशन द्वारा गणतंत्र दिवस के सुअवसर पर भोपापुर गांव में सामाजिक समरसता भोज का आयोजन किया गया। जहां शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी शामिल थे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज मे फैली जातिगत वैमनस्यता को खत्म कर एक समान भाव से हर वर्ग के लोगो को शामिल करना हैं। फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल सोनी ने कहा कि हमारे वेदों में जाति या वर्ण के आधार पर भेदभाव का उल्लेख नही है, सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कारण ग्रंथों में मिथ्या बातें जोड़ दी गई। जिससे समाज में भ्रम की विकृति उत्पन्न हुई। जो स्वस्थ समाज के उत्थान में बाधक है।जिससे समरसता का अभाव पैदा होता हैं। हमारा मूल मंत्र है ”हम सब एक है।”
आज के कार्यक्रम में ग्रामीणों को  कम्बल,स्वेटर,कपड़े, जुते, पर्स व घरेलू सामानों का वितरण किया गया एवं सभी ने एक साथ बैठ कर भोजन भी किया। कार्यक्रम में प्रीति जायसवाल, वर्षा जायसवाल, रचना,अवधेश कुमार, किरन दादा, उर्मिला, निधि अग्रवाल, मोनिका खेमखा,अमित खेमखा, शिवम अग्रहरि, राम प्रकाश, सरस्वती मिश्रा इत्यादि लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के आयोजक बहादुर शाह रहे व संयोजन रजनीश पांडेय ने किया।