उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद के थाना उघैती के अन्तर्गत हुई आंगनबाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप…
और पीड़िता के साथ की गयी क्रूरता एवं नृशंस हत्या की घटना ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया…
लखनऊ 06 जनवरी। उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद के थाना उघैती के अन्तर्गत हुई आंगनबाड़ी सहायिका के साथ गैंगरेप और पीड़िता के साथ की गयी क्रूरता एवं नृशंस हत्या की घटना ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया है। यह घटना जहां योगी सरकार में प्रदेश की ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था को उजागर करती है वहीं यह घटना सभ्य समाज के माथे पर बदनुमा दाग है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं प्रभारी उ0प्र0 प्रियंका गांधी ने बदायूं में गैंगरेप और गैंगरेप के बाद क्रूरतापूर्वक की गयी हत्या पर गहरा रोष प्रकट किया है। उन्होने ट्वीट कर कहा है कि -”हाथरस में सरकारी अमले ने शुरूआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया, बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया। महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नियत में खोट है।” उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जिस प्रकार बदायूं में 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिक के साथ गैंगरेप किया गया और क्रूरतम हत्या की गयी, यह सवाल खड़ा होता है कि बदायूं की पुलिस नारी शक्ति, मिशन शक्ति आदि योजनाओं को लेकर कितनी संजीदा है।
उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराधियों के हौसले इसलिए बुलन्द रहते हैं कि इस प्रकार की जब जघन्य और अपमानजनक घटनाएं घटती हैं और कांग्रेस पार्टी व मीडिया मुद्दों को उठाती है तब सरकार दोषियों को दण्डित करने के बजाए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और मीडिया को कुचलने में जुट जाती है। ऐसे में अपराधियों का मनोबल बढ़ता है और घटनाओं की पुनरावृत्ति को प्रोत्साहन मिलता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण अभी हाल ही में हुई हाथरस की घटना है जिसमें सरकार और उसके जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी लगातार घटना में पीड़िता के साथ हुए बलात्कार और क्रूरता को नकारते रहे और आरोपियों का बचाव करते रहे, लेकिन भला हो उच्च न्यायालय का, जिसने घटना का स्वतः संज्ञान लेकर अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराई, परिणामस्वरूप कांग्रेस और मीडिया के तथ्य ही सत्य के रूप में सामने आये। इसी प्रकार की घटना जब उन्नाव और शाहजहांपुर में हुई तो सरकार का रवैया अन्तिम समय तक आरोपियों को बचाने का ही रहा है तथा पीड़ित परिजनों को परेशान और उत्पीड़न करने में सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन करता रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बदायूं में घटी यह घटना योगी सरकार द्वारा बार-बार जघन्य घटनाओं में पीड़ित को बचाने के बजाए आरोपियों को बचाने का दुष्परिणाम है। योगी सरकार बार-बार महिला सुरक्षा के नाम पर नये-नये नारे गढ़ती है लेकिन बदायूं की घटना में पुलिस की अक्षमता का जो चेहरा सामने आया है उसने यह साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री के कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के दावे पूरी तरह खोखले और हवाहवाई हैं। योगी सरकार और पुलिस का इकबाल अपराधियों पर खत्म हो चुका है। प्रदेश में बहन, बेटियां पूरी तरह असुरक्षित हैं। अजय कुमार लल्लू ने मांग की है कि बदायूं की घटना क्रूरतम से क्रूरतम की श्रेणी में आती है। ऐसे में अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक में मुकदमा चलाकर शीघ्र से शीघ्र कड़ी से कड़ी सजा दिलायी जाए तथा पीड़ित परिजनों को पचास लाख रूपये आर्थिक सहयोग व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…