अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद में गुबंद नहीं होगा, डिजाइन जारी…

अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद में गुबंद नहीं होगा, डिजाइन जारी…

“हिंद वतन समाचार” पर कल चली थी इस बारे में खबर 👆       

सुपर इस्पेशलिटी हाॅस्पिटल, लाइब्रेरी और सामुदायिक रसोई भी होगी: गरीबों का फ्री इलाज होगा…

दो मंजिला मस्जिद का निर्माण दो साल में पूरा होने की संभावना: महिलाओं के सजदे के लिए अलग जगह होगी…

लखनऊ/अयोध्या। अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन आज ट्रस्ट की बैठक के बाद जारी कर दिया गया। मस्जिद के पास ही अस्पताल व लाइब्रेरी भी होगी। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ने डिजाइन और आर्किटेक्ट जारी किया, जारी डिजाइन के मुताबिक मस्जिद में गुम्बद नहीं होगा। परिसर में मस्जिद के अलावा म्यूजियम, अस्पताल, लाइब्रेरी और कम्युनिटी किचन भी बनाया जाएगा। तस्वीर में गोल वाली इमारत मस्जिद की है और चौकोर इमारत में बाकी सुविधाओं के लिए जगह दी जाएगी। धन्नीपुर मस्जिद को अगले 2 साल में बनाकर पूरा करने का लक्ष्य है।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नक्शा पास होने और स्वायल टेस्टिंग के हिसाब से मस्जिद निर्माण की तारीख तय करेगा। ट्रस्ट की कोशिश है कि 26 जनवरी से काम शुरू हो, लेकिन ये फिलहाल मुश्किल लग रहा है. अगर 26 जनवरी की तारीख तक सम्भव नहीं हुआ तो अगली तारीख 15 अगस्त की हो सकती है। धन्नीपुर मस्जिद में महिलाओं के सजदे के लिए अलग से जगह दी जाएगी। मस्जिद में 2,000 लोगों के एक साथ नमाज पढ़ने की क्षमता होगी और यह मस्जिद 2 मंजिला बनाई जाएगी इसमें कितना खर्च आएगा, यह फिलहाल बता पाना मुश्किल है। ट्रस्ट ने बताया कि परिसर में जो मजार मौजूद है, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
‌ मस्जिद में सोलर पावर लगाने के साथ 200-300 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा। मस्जिद में ऐसे मेटेरियल का इस्तेमाल होगा, जिससे इसकी उम्र ज्यादा से ज्यादा हो सके। बता दें कि बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद फैसले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की गई है। अयोध्या से करीब 30 किलोमीटर दूर लखनऊ-गोरखपुर हाइवे पर धन्‍नीपुर गांव में 60 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने मस्जिद के निर्माण के लिए छह महीने पहले आईआईसीएफ का गठन किया था।
परियोजना के मुख्य वास्तुकार प्रोफेसर एस एम अख्तर ने इसे अंतिम रूप दे दिया है। उनके अनुसार ‘‘नयी मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी लेकिन उस तरह का ढांचा नहीं होगा। परिसर के मध्य में अस्पताल होगा। पैगंबर ने 1400 साल पहले जो सीख दी थी उसी भावना के अनुरूप मानवता की सेवा की जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि अस्पताल महज कंक्रीट का ढांचा नहीं होगा बल्कि मस्जिद की वास्तुकला के अनुरूप इसे तैयार किया जाएगा। इसमें 300 बेड की स्पेशलिटी इकाई होगी जहां डॉक्टर बीमार लोगों का मुफ्त इलाज करेंगे। मस्जिद का निर्माण इस तरह से होगा कि इसमें सौर ऊर्जा के निर्माण की भी व्यवस्था की जाएगी। सामुदायिक रसोई में आसपास के गरीबों के लिए दिन में दो बार भोजन परोसा जाएगा। (19 दिसंबर 2020)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,