राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के चारों ओर देश के लाखों किसान विगत 21 दिन से खुले आसमान के नीचे कृषि कानूनों को रदद कराने की मांग के साथ डेरा डाले…

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के चारों ओर देश के लाखों किसान विगत 21 दिन से खुले आसमान के नीचे कृषि कानूनों को रदद कराने की मांग के साथ डेरा डाले…
लखनऊ 15 दिसंबर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के चारों ओर देश के लाखों किसान विगत 21 दिन से खुले आसमान के नीचे कृषि कानूनों को रदद कराने की मांग के साथ डेरा डाले हुये हैं। दिल्ली के भीतर प्रवेश करने से गृह मंत्री का पुलिस विभाग उन्हें रोके हुये हैं और स्वयं को किसानों का हितैषी कहने वाले देष के प्रधानमंत्री के पास इतना भी समय नहीं है कि लाखों अन्नदाताओं के बीच में पहुंचकर उनका दुख दर्द समझने और बांटने का प्रयास कर सके। हां मोदी जी गन्ना किसानों के खातों में चीनी निर्यात की धनराशि सीधे भेजने का लाॅलीपाप देकर किसान आन्दोलन में फूट डालने और उसे कमजोर करने का असफल प्रयास कर रहे हैंे।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि अब तक एक दर्जन किसान असमय काल के गाल में समा गये हैं और किसानों के दुख से दुखी होकर गुरूद्वारा नानक सर के ग्रन्थि संत बाबा राम सिंह ने स्वयं को गोली मार ली लेकिन देष के प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री, रक्षा मंत्री तथा कृषि मंत्री अथवा किसी अन्य मंत्री ने किसी भी प्रकार की संवेदना नहीं व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मोदी जी 60 लाख टन चीनी के निर्यात की सब्सिडी की धनराशि को किसानों के खातों में भेजने का निर्णय बताकर सीधे मिल मालिको को प्रसन्न करने की घोषणा की है क्योंकि किसान अपना बकाया मिल मालिकों से वसूलने का दबाव बनाते हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री जी ने चीनी निर्यात के माध्यम से मिल मालिकों का बोझ हल्का करने का कार्यक्रम बनाया है। किसान की स्थिति यह है कि एक पेराई सत्र का भुगतान हो नहीं पाता है और दूसरी सत्र की पेराई प्रारम्भ हो जाती है। खेत खाली करना किसान की मजबूरी है और इसी का फायदा मिल मालिक उठाते हैं।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मोदी जी अन्नदाताओं के आन्दोलन को कमजोर करने का प्रयास न करे और गन्ना किसानों का बकाया हजारों करोडों रूपया मिल मालिकों से भुगतान कराएं तथा केन्द्र सरकार अथवा मिल मालिक किसानों से बकाये पर ब्याज न दे पाने के लिए माफी मांगे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…