करोड़ों की ठगी में फरार निलंबित डीआईजी पर लखनऊ पुलिस ने शिकंजा कसा…

करोड़ों की ठगी में फरार निलंबित डीआईजी पर लखनऊ पुलिस ने शिकंजा कसा…

  पुलिस ढूंढ रही है फरार निलंबित डीआईजी को 👆         

फरार सिपाही पर इनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार की गई, कुर्की की तैयारी…

मंत्री के सचिव व कथित पत्रकार सहित कई की हो चुकी है गिरफ्तारी…

लखनऊ। पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों की ठगी की साजिश में निलंबित आईपीएस (डीआईजी) अरविंद सेन के खिलाफ लखनऊ पुलिस जल्द ही गैर जमानती वारंट लेगी। जांच अधिकारी एसीपी (गोमतीनगर) श्वेता श्रीवास्तव ने इस मामले में तीन अन्य आरोपितों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) लेनें के लिए को कोर्ट में अर्जी दी गई है।पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने इसी मामले में फरार आरोपी कांस्टेबल दिलबहार सिंह यादव पर इनाम की राशि बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दी है। उसकी संपत्ति का ब्यौरा जुटाने के भी हजरतगंज पुलिस को निर्देश दिए गए हैं, अगर वह जल्द ही हाजिर नहीं हुआ तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
एसीपी (गोमतीनगर) श्वेता श्रीवास्तव का कहना है कि फरार निलंबित डीआईजी अरविंद सेन की तलाश में उनके लखनऊ स्थित आवास के अलावा अयोध्या में पुश्तैनी आवास और अंबेडकरनगर में कई स्थानों पर दविश दी गई। लखनऊ पुलिस आईपीएस अरविंद सेन पर भी इनाम घोषित कर सकती है।करोड़ों के इस घोटाले में एसटीएफ अब तक 9 लोगों को जेल भेज चुकी है जबकि जारी विवेचना में एक सप्ताह पहले 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इसके अलावा आईपीएस समेत 7 की जांच अभी जारी है। पुलिस ने पड़ताल के दौरान निलंबित आईपीएस के जिस खाते में रुपए भेजे गए थे‚ उसकी डिटेल निकाली है, इस अहम तथ्य को विवेचना में शामिल किया गया है।
ये है 9 करोड़ 72 लाख की ठगी का पूरा मामला
साल 2018 में पशुधन घोटाले की पोल तब खुली थी जब मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवाया था। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि पशुधन विभाग में 214 करोड़ के टेंडर देने के एवज में तीन फीसदी कमीशन का प्रस्ताव मिला था, जिस पर एक फीसदी कमीशन के तौर पर एक करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया था। 31 अगस्त को उसे फिर बुलाया गया और पशुपालन विभाग के विधानसभा सचिवालय स्थित सरकारी कार्यालय में एक आरोपी आशीष राय ने खुद को एसके मित्तल बताकर उससे मुलाकात की और फर्जी वर्क ऑर्डर की कापी दी। फिर उससे कई बार में 9 करोड़ 72 लाख रुपए वसूले गए।
मंत्री के सचिव की हो चुकी है गिरफ्तारी…..
इस पूरे फर्जीवाड़े में पशुधन राज्य मंत्री के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय के संविदा कर्मी और मंत्री के निजी सचिव धीरज कुमार देव, कथित पत्रकार एके राजीव, अनिल राय और खुद को पशुधन विभाग का उपनिदेशक बताने वाला आशीष राय शामिल थे। मुख्य साजिशकर्ता आशीष राय ही पशुपालन विभाग के उपनिदेशक एसके मित्तल का कार्यालय का इस्तेमाल किया खुद उपनिदेशक बनकर व्यापारी से सचिवालय में मिलता था।
हाईकोर्ट में कल होगी मामले की सुनवाई. . . . .
इस बीच टेंडर घोटाले में फंसे निलंबित डीआईजी अरविंद सेन को इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अरविंद सेन को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। निलंबित डीआईजी के वकील ने बीते मंगलवार को हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। केस में अगली सुनवाई गुरुवार 26 नवंबर को होगी। (24 नवंबर 2020)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,