बदहाली का शिकार बना सरकारी ट्रांजिट होस्टल…

बदहाली का शिकार बना सरकारी ट्रांजिट होस्टल…

पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा मेंटिनेंस के नाम पर धन का बंदरबांट हो रहा…

इटावा/उत्तर प्रदेश-: शहर के बीचों बीच वीआईपी इलाके सिविल लाइन रोड पर स्थित विकास भवन के पीछे व जिलाधिकारी आवास के ठीक बगल से ही बने हुये सरकारी ट्रांजिट हॉस्टल की छतों में अब प्लास्टर टूटने के बाद लेन्टर के जंग लगे सरिया साफ दिखाई देने लगे है। कई सालों से हॉस्टल की रंगाई पुताई भी नहीं हुई है। दरवाजों में वार्निश नही है, कमरों में बाहर प्लास्टर व अंदर बाथरूमों में टाइल्स टूट कर गिर रहे है। लीक पाइप लाइन से पानी भी टपक रहा है लैट्रिन भी भर जाती है। आवास में किनारे व पीछे बड़ी बड़ी घास उग रही है। फर्श भी टूट रहे है जिनमे सर्प व बिच्छू या अन्य जहरीले जीवों के आसानी से छिपने का भी भय अधिकारियों को है। सीढ़ियों के नीचे पड़ा कूड़ा उठाने वाला कोई नहीं। क्यों कि अभी इस बिल्डिंग में कोई भी सरकारी सफाई कर्मी ही तैनात नहीं है। यही नहीं किचिन में बड़े बड़े चूहे व बेहद कटखने बंदर मुफ्त में सरकारी कर्मचारियों के लिये बने इन आवास में दिन भर सरकारी कर्मचारियों की तरह ही परिवार सहित रह रहे है। इनसे बच्चों के काटने का खतरा बना हुआ है व कई लोगों को काट भी चुका है। इस बड़ी बिल्डिंग में बड़े सरकारी अफसरों के बच्चों को कपड़े सुखाने के लिये डंडे लेकर बैठना पड़ता है। पानी की टंकियों के बंदर खोलकर पानी प्रदूषित कर देते है। घरों के नलो में अक्सर गंदा पानी भी आ जाता है। नीचे रह रहे सहायक निर्वाचन अधिकारी के आवास का दरवाजा ही टूटा हुआ है जिसे प्लाई से अस्थाई रूप से जोड़ दिया गया है। तहसीलदार सदर के दरवाजे की जाली टूट गई है। अधिकारियों के कपड़े व किचिन से सब्जियां व सामान बंदर उठा ले जाते है अधिकारियों ने बिल्डिंग में अपने बच्चों व सामान की बंदरो से सुरक्षा के लिये कमरों के बाहर जाली लगाये जाने की भी मांग की है।

पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…