गो-वंश की उपेक्षा कथनी और करनी पर बड़ा प्रश्न खड़ा करती है- योगी आदित्यनाथ…

गो-वंश की उपेक्षा कथनी और करनी पर बड़ा प्रश्न खड़ा करती है- योगी आदित्यनाथ…

गाय पालने वाले किसानों को सरकार 4 गोवंश व हर माह दे रही है 9 सौ रुपए…

मुख्यमंत्री ने किया “गो- लोक की ओर” पुस्तक का विमोचन…

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर “गोलोक की ओर” पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि गोतस्करी मुझे हर हाल में रोकनी थी, हमें हर गाय की देखभाल भी करनी चाहिए इसीलिए हमने हर हाल में गोहत्या रोकी। उन्होने कहा कि कल गोपाष्टमी है, हजारों वर्षों से इस परंपरा को हम मनाते हैं, इसके बावजूद कोई बात जरूर है कि एक ओर हम गाय की पूजा करते हैं, वहीं दूसरी ओर गाय का दूध निकालकर सड़कों पर उसे लावारिस छोड़ देते हैं। कथनी-करनी का भेद हमारे विचार व आचार में स्पष्ट देखने को मिलता है। हमने सभी गोवंश का जीओ टेक किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर किसी गाय या बछड़े को कोई किसान अपने घर में रखना चाहता है तो सरकार एक किसान को चार गोवंश तक देती है और साथ ही हर महीने प्रत्येक गोवंश 900 रुपए भी उसे दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक हम 63,000 से अधिक गोवंश किसानों के हवाले कर चुके हैं। लावारिस स्थिति में विचरण कर रहे 5,24,000 गोवंश वर्तमान में सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित गो आश्रय स्थलों में हैं। नगर निकायों द्वारा संचालित कान्हा उपवन में वर्तमान में मौजूद गायों की संख्या 8 लाख से भी ऊपर पहुंचती है। भाजपा सरकार आने के बाद गोहत्या को रोकने के लिए कई कठोर कदम उठाये गये हैं।
उन्होने कहा कि 2017 में जब मुझे यूपी सरकार का नेतृत्व करने का दायित्व दिया गया, उस समय मेरे सामने यह चुनौती थी कि इतने बड़े पैमाने पर सड़क और खेतों पर घूम रहे गोवंश का क्या होगा। साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न राज्यों और दूसरे देशों में होने वाली गो-तस्करी और अवैध बूचड़खाने भी हमें बंद करने थे। भारत सनातन काल से ही गौ और गो-वंश की महत्ता को समझता रहा है, सभी देवी-देवताओं का निवास हमने गौ में माना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह विश्वास जहां पर रहा हो, वहां पर हम गो-वंश की उपेक्षा करें, यह वास्तव में हमारी कथनी और करनी पर बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा करता है।

इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री हेमचंद्र, अवध प्रांत के सेवा संयोजक रजनीश पाठक, भारतीय शिक्षा परिषद के सचिव दिनेश, क्षेत्रीय प्रमुख बालिका शिक्षा उमाशंकर मिश्रा, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, शैक्षिक प्रमुख शैलेश मिश्र, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष राम कृष्ण चतुर्वेदी, लेखिका कु. शिवानी मिश्रा, लेखिका स्मिता मिश्रा, लेखक संजय तिवारी, एलएमएस के सह संयोजक योगेश कुमार मिश्रा, तकनीकी प्रमुख अमिताभ बैनर्जी और मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव जितेन्द्र कुमार सहित कई अधिकारी और विद्या भारती के पदाधिकारी मौजूद रहे।

(21 नवंबर 2020)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,