*शिकंजा : दो फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, चार मालिक गिरफ्तार*

*शिकंजा : दो फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, चार मालिक गिरफ्तार*

*कॉल सेंटर में 50 के लगभग युवक- युवतियां कर रहे थे काम*

*गुरुग्राम, नवंबर।* मुख्यमंत्री उड़नदस्ता ने छापेमारी कर शुक्रवार देर रात सेक्टर-35 में स्थित जीएसएम टेक्नोलॉजी बिल्डिंग में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल पर चल रहे दोनों कॉल सेंटर के चार मालिकों को मौके से गिरफ्तार किया। दो आरोपी अभी फरार चल रहे हैं। दोनों कॉल सेंटर में 50 के लगभग युवक- युवतियां काम कर रहे थे। सभी से पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया गया।

इस बिल्डिंग में डेढ़ महीने से दोनों कॉल सेंटर चल रहे थे। दोनों के अलग-अलग मालिक थे, लेकिन दोनों कॉल सेंटर का काम करने का तरीका एक जैसा ही था। मुख्यमंत्री उड़नदस्ता के इंस्पेक्टर कृष्ण की शिकायत पर बादशाहपुर थाने में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री उड़नदस्ता गुरुग्राम के डीएसपी इंद्रजीत यादव ने बताया कि टीम के साथ वे शुक्रवार देर रात सेक्टर-35 के प्लॉट नंबर चार स्थित जीएसएम टेक्नोलॉजी बिल्डिंग की पांचवी मंजिल पर पहुंचे। वहां उनोलो टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और इंडोसॉफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से दो फर्जी कॉल सेंटर चल रहे थे। दोनों कॉल सेंटर में 50 लोग काम कर रहे थे। वे अमेरिका के लोगों को फोन कर पॉप अप और सामाजिक सुरक्षा नंबर के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। टीम ने मौके से दोनों कॉल सेंटर के चार मालिकों को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस मे मुताबिक इंडोंसॉफ्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का मालक राहुल कुमार अमेरिका के लोगों को आईबीम और एक्सलाइट साफ्टवेयर से फोन करते। उनको कहते थे कि सोशल सिक्योरिटी नंबर (एसएसएन ) से गलत काम हुआ है। एसएसएन नंबर ब्लॉक होने वाले हैं। ऐसे में वह लोग डर जाते हैं और उनको इस दिक्कत से निकालने के एवज में सौ डॉलर से लेकर 500 डॉलर तक वसूलते करते थे। लोगों से गूगल प्ले और आईट्यून के गिफ्ट कोड से रुपये लेते थे। इस बिल्डिंग में कॉल सेंटर पिछले एक महीने से चल रहा था। कॉल सेंटर में 25 युवक ओर युवतियां काम कर रहे थे। रात में कॉल सेंटर आठ बजे शुरू होता था और सुबह सात बजे तक चलता था। सभी को 20 से 30 हजार रुपये सैलरी मिलती थी। पौने दो लाख रुपये का किराया है। लगभग सवा करोड़ रुपये की ठगी की। तीन पार्टनर मिलकर कॉल सेंटर को चला रहे थे।

इसके अलावा उसी मंजिल पर उनोलो टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक अन्य फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के कर्मचारी बनकर अमेरिका के लोगों को पॉप भेजते थे और उनको मदद करने के नाम पर ठगी करते थे। डॉलर में लोगों से रुपये ठगते थे। एक करोड़ से ज्यादा की अब तक ठगी कर चुके हैं। यह कॉल सेंटर पिछले डेढ़ महीने से चल रहा था। यहां भी 25 युवक और युवतियां काम कर रहे थे। इस कॉल सेंटर को भी तीन पार्टनर मिलकर चला रहे थे। पुलिस ने मौके से दो पार्टनर को गिरफ्तार किया। पुलिस ने मौके से दो लैपटॉप, 6 लाख 48 हजार नगद बरामद किए गए।