*फर्जी निकला ट्रासंपोर्टर के बेटे के अपहरण का मामला, 18 घंटे में हुआ खुलासा…..*

*फर्जी निकला ट्रासंपोर्टर के बेटे के अपहरण का मामला, 18 घंटे में हुआ खुलासा…..*

*नवीं कक्षा के छात्र ने सौतेली मां की प्रताड़ना/पिता की उपेक्षा के चलते खुद रची थी किडनैपिंग की कहानी*

*साढ़े नौ लाख रुपए भी बरामद: पुलिस टीम को मिलेगा एक लाख रुपए का इनाम*

*दिल्ली में मिला कथित रूप से “अपहृत” आरिफ* 👆

*बरामदगी के बाद पुलिस के साथ छात्र आरिफ* 👆

*एसएसपी अजय साहनी मामले की जानकारी देते हुए* 👆

*लखनऊ/मेरठ।* प्रदेश के मेरठ में नौचंदी थाना क्षेत्र से सोमवार को घर से कथित रूप से अपहृत ट्रांसपोर्टर के बेटे कक्षा नौ के छात्र आरिफ को पुलिस ने दिल्ली से मात्र 18 घंटों में आज सकुशल बरामद कर लिया। आरिफ के पास से करीब साढ़े नौ लाख रुपये की नगदी भी बरामद हुई है। पुलिस ने फर्जी अपहरण कांड का खुलासा करते हुए बताया कि ट्रांसपोर्टर का 15 वर्षीय बेटा आरिफ अपनी सौतेली मां की प्रताड़ना और पिता की उपेक्षा से नाराज होकर घर से खुद ही भाग गया था और किडनैप की फर्जी कहानी गढ़ी थी। उसने परिवार से 50 लाख रुपये की फिरौती के लिए अपने ही फोन से मैसेज घरवालों को कराया था।
पुलिस की कई टीमों को अपहृत किशोर को बरामद करने के लिए लगाया गया था। पुलिस ने सर्विलांस के माध्यम से 16 से 18 घंटों के भीतर ही किशोर को दिल्ली से सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरिफ ने बताया कि वो अपने पिता की उपेक्षा और सौतेली मां की प्रताड़ना से परेशान होकर घर में नहीं रहना चाहता था, उसने खुद के किडनैप की कहानी बनाई। सोमवार शाम अपने घर में एक कॉपी के पन्ने पर फिरौती की रकम जिसमें 50 लाख रुपये लिखे हुए थे उस लेटर को घर पर छोड़ दिया और घर में रखे करीब साढ़े 9 लाख रुपये की नगदी लेकर दिल्ली चला गया‌।
आरिफ के पिता आसिफ ने बताया कि उनके बेटा फिल्मे बहुत देखता है, और फिल्मे देखकर ही वहीं से आइडिया लेकर उसने ऐसा किया। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव/गृह अवनीश अवस्थी ने मामले का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम को एक लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है। एसएसपी अजय साहनी के अनुसार शास्त्रीनगर के सेक्टर 12 में मोहम्मद आसिफ परिवार के साथ रहते हैं, हापुड़ में आसिफ का ट्रांसपोर्टर का काम करते हैं। बच्चे को बरामद करने के बाद पुलिस ने मेडिकल कराकर परिवार को सौंप दिया है। (3 नवंबर 2020)
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*