नम आँखों से बलुआघाट यमुना नदी में विसर्जित किया ताज़िया व फूल…

नम आँखों से बलुआघाट यमुना नदी में विसर्जित किया ताज़िया व फूल…

प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- इमामबाड़ा नवाब अब्बन के अज़ाखाने में माहे रबिउल अव्वल की पाँचवी को सजे अलम, ताबूत, झूला पर चढ़े फूलों और ताज़िया को बलुआघाट स्थित यमुना नदी में नाव से ले जा कर बीच धारा मे विसर्जित किया गया।इमामबाड़े के वर्तमान कर्ता धर्ता अस्करी अब्बास ने बरसों पुरानी रवायत के मुताबिक़ प्राताः इमामबाड़े मे अलवेदाई नौहा पढ़ते हुए इमामबाड़े मे सभी तबर्रुक़ात पर चढाए गए फूलों को सफेद चादर में जमा कर ताज़िया को काँधे पर रख कर बलुआघाट पहोँचे।अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया के शादाब ज़मन, शबीह अब्बास, कामरान रिज़वी, ऐजाज़ नक़वी ने नाव पर ही करबला के शहीदों को अलवेदा कहते हुए नौहा पढ़ा।फूलों और ताज़िया को आँखों मे अश्क भर कर बीच धारा मे विसर्जित कर दिया।अमन जायसी, अली रिज़वी,शादाब रज़ा, किबला नक़वी आदि ने इमामबाड़ा नवाब अब्बन की क़दीमी रवायत को निभाते हुए अश्कों का नज़राना पेश किया।

नहीं निकला हातिफ हुसैन से अलवेदा या हुसैन का जुलूस

शाहनूर अली गंज स्थित इमामबाड़ा स्व हातिफ हुसैन से पाँचवी रबिउल अव्वल को उठने वाला जुलूस अलवेदा या हुसैन सरकारी गाईड लाईन पर अमल करते हुए नहीं निकाला गया।इमामबाड़ा क्षेत्र में ही सभी एहतियाती क़दम उठाते हुए मजलिस आयोजित कर अन्जुमन ग़ुन्चा ए कासिमया और अन्जुमन नक़विया ने ग़मगीन नौहा पढ़ते हुए करबला के शहीदो का गम मनाया।बहलोले कायनात नजीब इलाहाबादी के कुशल संचालन में रज़ा इसमाईल सफवी व साथियों ने ग़मगीन मर्सिया पढ़ा। मौलाना कल्बे अब्बास रिज़वी ने वाक़ेयाते करबला का मार्मिक अन्दाज़ मे ज़िक्र किया।ज़रखेज़ नजीब ने भी मजलिस को सम्बोधित किया।अन्जुमन नक़विया के नौहाख्वान शबी हसन ने पुरर्दद नौहा पढ़ा वहीं अन्जुमन गुन्चा ए कासिमया ने करबला मे सोने वालों महापारों अलवेदा की सदा बुलन्द करते हुए अय्यामे अज़ा के आखरी पड़ाव पर चल रहे मातमी कार्यक्रम मे शिरकत की।नौहाख्वान शादाब ज़मन, अस्करी अब्बास, शबीह अब्बास, अखलाक़ रज़ा, कामरान रिज़वी, ऐजाज़ नक़वी, ज़हीर अब्बास, अज़ीम, अकबर आदि ने तालिब इलाहाबादी का लिखा नया अलवेदाई नौहा पढ़ कर माहौल को ग़मज़दा बना दिया।सियाह पण्डाल में शबीहे ताबूत इमाम हुसैन, गा़जी अब्बास का फूलों के सेहरे से सजाया गया अलम, ज़ुलजनाह व करबला ए हिन्द से लाया गया खास ताज़िया पर अक़ीदतमन्दों ने फूल माला चढ़ा कर मन्नतें व मुरादें मांगते हुए बोसा ले कर शोहदाए करबला को अलवेदा या हुसैन की सदा के साथ पुरसा पेश किया। इस मौक़े पर अदीब रज़ा, नजीब रज़ा,हबीब रज़ा, सै० मो० अस्करी, फर्रुख, औन आब्दि, जॉन आब्दी, तक़ी आब्दी, ताबिश सरदार, वज़ीर हैदर, अहमद जावेद, हाली हैदर, मेंहदी अब्बास, ज़ीशान, रिज़वान आदि मौजूद रहे।

पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…