पैग़म्बरे इसलाम और इमाम हसन की शहादत पर नहीं निकला जुलूस…

पैग़म्बरे इसलाम और इमाम हसन की शहादत पर नहीं निकला जुलूस…

प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- पैग़म्बरे इसलाम हज़रत मोहम्मदे मुस्तफा (स०अ०व०) और दूसरे इमाम हसन ए मुजतबा की शहादत 28 सफर को अन्जुमन मज़लूमिया की ओर से रानी मण्डी से उठने वाला जुलूस कोविड 19 के कारण नहीं निकाला गया।अज़ाखानों के अन्दर ही शहादत की मजलिस हुई। अन्जुमन मज़लूमिया के नौहाख्वान राजन अब्बास ने हाय रसूले खुदा हाय इमामे हसन की सदा बुलन्द करते हुए ग़मगीन नौहा पढ़ा। वहीं दरियाबाद इमामबाड़ा जद्दन मीर साहब में नजीब इलाहाबादी की निज़ामत में शहादत इमाम हसन पर मौलाना हैदर अब्बास ने जादाह नाम की महिला द्वारा इमाम हसन को ज़हर दे कर शहीद करने का दर्दनाक मंजर का ज़िक्र किया तो अज़ादाराने इमाम की आँखे छलक पड़ीं।अन्जुमन हैदरया के सदस्यों ने नौहा और मातम का नज़राना पेश किया।दरियाबाद के जोगीघाट में असलम रिज़वी द्वारा आयोजित मजलिस को ज़ाकिरे अहलेबैत अनीस जायसी ने मजलिस को खेताब किया हैदर ज़ैदी ने सोज़ख्वानी के फरायज़ अन्जाम दिए अन्जुमन असग़रिया के नौहाख्वानों ने पुरदर्द नौहा पढ़ा।करैली स्थित मरकज़े अनवार में मौलाना फैज़ान जव्वादी द्वारा आयोजित मजलिस को मौलिना मुन्तज़िर अब्बास ने खिताब किया मजलिस से पूर्व अरमान व फरदान ने पेशख्वानी के द्वारा इमाम हसन की शहादत का मार्मिक अन्दाज़ में मर्सिया पढ़ा।रौशन बाग़ स्थित मतलूब हुसैन के अज़ाखाने पर मौलाना जव्वाद हैदर जव्वादी ने मजलिस को खिताब करते हुए रसूले अकरम मोहम्मदे मुस्तफा और दूसरे इमाम हसन ए मुजतबा की शहादत का मार्मिक अन्दाज़ मे वाक़ेया सुनाया तो हर आँख अश्कबार हो गई। हरी चादर और गुलाब चमेली के फूलों से सजा इमाम हसन का ताबूत निकाला गया।अक़ीदतमन्दों ने फूल माला चढ़ा कर बोसा लिया तथा मन्नतें व मचरादें मांगी। अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के नौहाख्वान शादाब ज़मन, अखलाक़ रज़ा, शबीह अब्बास, अस्करी अब्बास, ज़हीर अब्बास, कामरान रिज़वी, एजाज़ नक़वी, असद रिज़वी, अकबर रिज़वी आदि ने स्व हसन अस्करी का लिखा क़दीमी नौहा पढ़ कर पुरसा पेश किया।इमामबाड़ा मुस्तफा हुसैन में शहादत पर ऑनलाईन मजलिस हुई साक़िब रज़ा ने पेशख्वानी तो मौलाना आबिद अली रिज़वी ने मजलिस को खेताब किया।उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव व अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमया के प्रवक्ता सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ सभी अज़ाखानों से उठने वाले जुलूस को सरकार की गाईड लाईन और मरजा ए वक़्त की गाईड लाईन पर अमल करते हुए नहीं निकाला गया।अज़ाखानों के अन्दर सोशल डिस्टेन्सिंग और सभी ऐहतीयाती क़दम उठाते हुए सीमित लोगों की उपस्थिति मे मजलिस को आयोजित किया गया।मजलिस में मौलाना रज़ी हैदर, मौलाना डॉ रिज़वान हैदर रिज़वी, नजीब इलाहाबादी, आफताब रिज़वी, वक़ार रिज़वी, सै० मो० अस्करी, मंज़र कर्रार, सै० अज़ादार हुसैन, रौनक़ सफीपुरी, शबी हसन, रिज़वान जव्वादी, सलमान हैदर रिज़वी, काशान रिज़वी, ज़ामिन हसन आदि शामिल रहे।

पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…