शिक्षकों ने शिष्टाचार भेंट कर जिलाधिकारी को दिया प्रतीक चिन्ह…

शिक्षकों ने शिष्टाचार भेंट कर जिलाधिकारी को दिया प्रतीक चिन्ह…

इटावा/उत्तर प्रदेश-: यूनीसेफ की एक परियोजना कें तहत कई राज्यों में पहले उच्च प्राथमिक फिर प्राथमिक विद्यालयों में मीनामंच की स्थापना की गयी। इसका उद्देय बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना है। मीना को केन्दीय पात्र बनाकर कई कहानियों तथा फिल्मों की रचना भी की गयी है।
बालिकाओं के मुद्दे को सरल एवं सहज रूप से समझने के लिए मीना नाम की लड़की का एक काल्पनिक चरित्र बनाया गया है। प्रत्येक वर्ग एवं समाज की बालिकायें स्वयं को इससे जुड़ा महसूस कर सकती है। मीना एक उत्साही और विचारवान किशोरी है जिसमें उमंग, उल्लास, सामाजिक बाधाओं के विरूद्ध लड़ने का जज्बा है और समस्या समाधान हेतु किसी से बातचीत करने में हिचकिचाती नही। विद्यालयों में गठित मीना मंच के माध्यम से मीना का जन्म दिन 24 सितम्बर को सभी परिदीय विद्यालयों में मनाया जाता है। बालिका साक्तीकरण के इस मंच के बारे में बताने तथा जनपद में बालिका शिक्षा हेतु विद्यालयों में किये जा रहें कार्यो को साझा करने के उद्देय से मीना दिवस के अवसर पर जिला समन्वयक अर्चना सिन्हा तथा स्टेट रिसोर्स पर्सन मीनाक्षी पाण्डेय ने जिलाधिकारी श्रुति सिंह के साथ एक शिष्टाचार भेंट की गयी और इस अवसर पर एक प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया। राज्य स्तर द्वारा प्रदत्त निर्देों के अनुसार जिला समन्वयक बालिका शिक्षा विनय तिवारी द्वारा समस्त एसआरजी तथा एआरपी के सहयोग से एक ऑनलाईन प्रतियोगितायें भी करायी गयी है। जिसमें बालिका साक्तीकरण से जुडे़ विभिन्न मुद्दों पर बच्चों द्वारा पोस्टर बनाकर व्हाट्अप के माध्यम से मगॉये गये है। जिसमें विजेता छात्र, छात्राओं को ब्लाकस्तर व जनपदस्तर पर सर्टिफिकेट प्रदान कियें जायेगे।

पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…