ऑनलाइन शिक्षा सिर्फ़ मजबूरी, असल मक़सद पूरा नहीं कर सकती: डॉ. छुट्टन ख़ान…

ऑनलाइन शिक्षा सिर्फ़ मजबूरी, असल मक़सद पूरा नहीं कर सकती: डॉ. छुट्टन ख़ान…

ऑनलाइन शिक्षा भले ही आज समय की अहम् ज़रूरत है, मगर ये शिक्षा का मक़सद पूरा नहीं कर सकती। मुरादाबाद पब्लिक स्कूल में आयोजित गोष्टी में बोलते हुए मुख्य अतिथि, मेफ़ेयर डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. छुट्टन ख़ान ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि जिस तरह ट्रेडिशनल तरीक़े से शिक्षा दी जा सकती है वो शिक्षा ऑनलाइन तरीक़े से कभी भी नहीं दी जा सकती, ये सिर्फ़ आज की मजबूरी है और इस तरह के एजुकेशन सिस्टम को कामयाब होने में कम से कम दस वर्ष लगेंगे, और वो भी तब, जब देश के सुदूर इलाक़ों में रहने वालों के हाथों में एंड्राइड मोबाइल हो और इंटरनेट की सुविधा भी हो। डॉ. ख़ान ने मुरादाबाद पब्लिक स्कूल द्वारा चलाए जा रहे साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की और इसके स्कूल के प्रिंसिपल मुहम्मद शुएब और ओएसडी परवेज़ आलम सक़लैनी के योगदान को भी सराहा।
गोष्टी में स्कूल की अध्यापिकाएं तरन्नुम माम्, माही माम्, इल्मा माम् और निगार माम् ने भी अपने विचार रखे। सभी अध्यापिकाओं का एक ही मत था कि कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई का अब और नुक़सान नहीं होने देना चाहिए।
इस अवसर पर मुरादाबाद पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल मुहम्मद शुएब ने कहा कि हालांकि ऑनलाइन शिक्षा मौजूदा शिक्षा का विकल्प नहीं हो सकती, लेकिन हमें इस सिस्टम को अपनाना पड़ेगा, क्यूंकि ज़माने के साथ जो चलता है वही कामयाब होता है।
गोष्टी के आखिर में ओएसडी परवेज़ आलम सक़लैनी ने अपनी मधुर आवाज़ में एक खूबसूरत ग़ज़ल पेश की और मुख्य अतिथि dr. ख़ान व गोष्टी में मौजूद सभी अध्यापक अध्यापिकाओं का शुक्रिया अदा किया। गोष्टी का संचालन शाइस्ता माम् ने किया। और आखिर में स्कूल के संस्थापक श्री अमीर अहमद सर ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर शमा माम्, राहिला माम्, इल्मा माम्, इन्शा माम्, निगार माम्, माही माम्, सामिया माम् शाज़िया माम्, अंजुम माम्, हुस्ना माम्, तरन्नुम माम्, शाइस्ता माम्, रजत गुप्ता सर, परवेज़ सर, शुएब सर आदि मौजूद थे।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…