जिलाधिकारी ने फसलों के अवशेष को जलाने से रोकने हेतु प्रभावी कार्रवाई करने का दिया निर्देश…
फसलों के अवशेष जलाने वालों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने के दिए निर्देश…
प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में सोमवार को देर शाम संगम सभागार में खरीफ मौसम की फसलों के अवशेषों को जलाये जाने से उत्पन्न होने वालेे प्रदूषण की रोकथाम के सम्बंध में बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी कृषि विभाग, राजस्व विभाग तथा अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि किसी भी दशा में फसलों के अवशेष न जलाये जाये। उन्होंने कृषको के मध्य फसल अवशेष जलाने से मिट्टी, जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि के विषय में व्यापक रूप से जागरूक कराये जाने के लिए कहा है। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के मध्य इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये कि फसल अवशेष जलाना दण्डनीय है।
उन्होंने कहा कि सम्बंधित ग्राम के ग्राम प्रधान एवं लेखपाल तथा ग्राम पंचायत अधिकारी एवं कृषि विभाग के प्राविधिक सहायक, बी0टी0एम0 व ए0टी0एम0 का यह दायित्व होगा कि फसल अवशेष न जलने पाये, इसके लिए जो भी आवश्यक कदम उठानें हो, उसको उठाया जाये। फसल अवशेष जलाने की घटनाएं सामने आने पर सम्बंधित लेखपाल/नोडल अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे और उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। जिलाधिकारी ने समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में फसल अवशेष जलाये जाने की घटनायें रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित करें तथा किसी भी दशा में अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलाये जाने की घटनायें बिल्कुल न होने दें। कोई किसान पराली जलाता है तो उसके विरूद्ध आई0पी0सी0 तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण के प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाया जाये। घटना की पुनरावृत्ति होने पर एफआईआर दर्ज करायी जायेगी। सभी थाना प्रभारियों को पराली जलाने की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। साथ ही अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका, नगर पंचायत सुनिश्चित करेंगे कि कूड़ा जलाने की घटना भी न हो। उन्होंने बताया कि कृषि भूमि का क्षेत्रफल 2 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 2500, 2 एकड़ से अधिक किन्तु 5 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड 5000 तथा 5 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रूपये 15000 प्रति घटना लगाया जायेगा। जनपद में चलने वाली प्रत्येक कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ एक कृषि विभाग का कर्मचारी नामित रहे जो कि अपनी देख-रेख में कटाई का कार्य कराये। कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर, सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम अथवा स्ट्रा रीपर अथवा स्ट्रा रेक एवं बेलर के बगैर चलते हुई पायी जाये तो उसको तत्काल सीज कर दिया जाये। समस्त उप जिलाधिकारी अपनी-अपनी तहसीलों में दैनिक कृत कार्यवाही की सूचना अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व की गठित सेल को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी ने समस्त निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिये है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, मुख्य राजस्व अधिकारी, एस0पी0 गंगापार, एस0पी0 यमुनापार, उपजिलाधिकारीगण, समस्त तहसीलदारगण, जिला पंचायतराज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…