आज की सबसे बड़ी खबर “हिंद वतन समाचार” पर…

आज की सबसे बड़ी खबर “हिंद वतन समाचार” पर…

कोरोना मरेगा अब बैमौत ? हमने बना ली दवा: पुतिन 👆       

रूस ने बना ली कोरोना की वैक्सीन ! राष्ट्रपति की बेटी को लगाया गया पहला टीका…

20 देशों से मिला 1 अरब डोज का आर्डर: वैक्सीन सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी…

लखनऊ/मास्को। रूस ने आखिरकार कोरोनावायरस की दुनिया की पहली वैक्सीन लॉन्च कर दी है, यह बड़ा ऐलान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद किया है। पुतिन ने बताया कि कोरोना वायरस के दुनिया के पहले टीके (russia covid vaccine) को रूस में मंजूरी मिल गई है। पुतिन के मुताबिक ऐसा हेल्थ मिनिस्ट्री के अप्रूवल के बाद ही किया गया है, पुतिन ने यह भी बताया कि यह कोरोना टीका सबसे पहले उनकी बेटी को ही लगाया गया है।
रूस पहले ही बता चुका था कि उसका वैक्सीन बनाने का काम पूरा हो चुका है और वह इसे लॉन्च करने वाला है। बता दें कि रूस के मॉस्को में एक मॉस्को गामलेया इंस्टिट्यूट है, उसने इस कोरोना वैक्सीन को बनाया है। खबरों के मुताबिक रूस अब सितंबर में इस वैक्‍सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर सकता है, अक्टूबर से रूस में सबको टीका लगाना शुरू कर दिया गया जाएगा। रूस में सभी को दी जाएगी वैक्सीन यह दुनिया की पहली ऐसी कोरोना वैक्‍सीन बन गई है, जिसे रेगुलेटरी अप्रूवल मिला है। बताया गया है कि इस वैक्‍सीन से किसी तरह के नुकसान या रिऐक्शन के संकेत नहीं मिले हैं।
मेरी बेटी को हल्का बुखार आया, अब ठीक है…
राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने ऐलान किया है कि देश में तैयार की गई कोरोना वायरस की वैक्सीन को हेल्थ मिनिस्ट्री की मंजूरी मिल गयी है। पुतिन ने बताया कि इस वैक्सीन का टीका उनकी बेटी को पहले ही लगाया जा चुका है, हालांकि उन्होने ये स्पष्ट नहीं किया कि उन्होने खुद वैक्सीन ली है या नहीं। इसके साथ ही रूस ने दावा किया है कि उसे दुनिया भर के 20 देशों ने इस वैक्सीन के 1 अरब डोज बनाने का ऑर्डर दिया है। पुतिन ने कहा, ‘मेरी बेटी ने भी इस वैक्सीन का टीका लिया है, शुरू में उसे हल्का बुखार था लेकिन अब वह बिल्कुल ठीक है.’ उन्होने बता कि मेरी बेटी ठीक है और बढ़िया महसूस कर रही है, उसने भी इस पूरे परीक्षण में हिसा लिया था। इस ऐलान के बाद रूस पहला देश बन गया है जिसने वैक्सीन बना लेने का काम पूरा करने का दावा किया है। रूस ने प्‍लान किया है कि यह वैक्‍सीन सबसे पहले हेल्‍थ वर्कर्स को दी जाएगी, उसके बाद बुजुर्गों को। मॉस्‍को ने कई देशों को भी वैक्‍सीन सप्‍लाई करने की बात कही है। रूस का कहना है कि वह अपने कोरोना टीके का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन सितंबर से शुरू कर सकता है।
वैज्ञानिकों ने खुद भी लिया पहले टीका. . . . .!
मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने एडेनोवायरस को बेस बनाकर यह वैक्‍सीन तैयार की है। रिसर्चर्स का दावा है कि वैक्‍सीन में जो पार्टिकल्‍स यूज हुए हैं, वे खुद को रेप्लिकेट (कॉपी) नहीं कर सकते। मिली जानकारी के मुताबिक रिसर्च और मैनुफैक्‍चरिंग में शामिल कई लोगों ने खुद को इस वैक्‍सीन की डोज दी है। कुछ लोगों को वैक्‍सीन की डोज दिए जााने पर बुखार आ सकता है जिसके लिए पैरासिटामॉल के इस्‍तेमाल की सलाह दी गई है। हालांकि रूस की इस जल्दबाजी के विरोध में भी कई बड़ी फार्मा कंपनियां सामने आई हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मिखाइल मुराशको को भेजी चिट्ठी में एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल ट्रायल्‍स ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि अभी तक 100 से भी कम लोगों को डोज दी गई है, ऐसे में बड़े पैमाने पर इसका इस्‍तेमाल खतरनाक हो सकता है ?
वायरस कैसे फैलता है ? 20 साल से चल रही थी इस पर रिचर्स. . . . .
सेशेनॉव यूनिवर्सिटी में टॉप साइंटिस्ट वादिम तारासॉव ने दावा किया है कि देश 20 साल से इस क्षेत्र में अपनी क्षमता और काबिलियत को तेज करने के काम में लगा हुआ है। इस बात पर लंबे वक्त से रिसर्च की जा रही है कि वायरस कैसे फैलते हैं। इन्हीं दो दशकों की मेहनत का नतीजा है कि देश को शुरुआत शून्य से नहीं करनी पड़ी और उन्हें वैक्सीन बनाने में एक कदम आगे आकर काम शुरू करने का मौका मिला। इस वैक्‍सीन को रूस रक्षा मंत्रालय और गमलेया नैशनल सेंटर फॉर र‍िसर्च ने तैयार किया है। (11 अगस्त 2020)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,