कानपुर मुठभेड़ के बाद एक्शनः दर्जनों लोग हिरासत में,500 मोबाइल सर्विलांस पर…

कानपुर मुठभेड़ के बाद एक्शनः दर्जनों लोग हिरासत में,500 मोबाइल सर्विलांस पर…

विकास दुबे फरार,100 घंटे बाद भी सुराग नहीं तलाश पाई पुलिस…

नेपाल से लेकर बीहड़ के जंगलों तक तलाश…

कानपुर/उत्तर प्रदेश कानपुर में बीते दिनों हुए एनकाउंटर में उत्तर प्रदेश पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए,कुख्यात बदमाश विकास दुबे और उसके गैंग ने मुठभेड़ में पुलिसवालों को मार गिराया और वहां से फरार हो गया,अब करीब सौ घंटे का वक्त हो चुका है,जब विकास दुबे अबतक फरार है,राज्य के सबसे बड़े गैंगस्टर का कोई अता पता नहीं है।पुलिस ने उसे ढूंढने के लिए नेपाल से लेकर चंबल तक नजरें टिका रखी हैं।इस बीच विकास दुबे के घर के बगल में बने कुएं से भी गुनाहों के सबूत तलाशे जा रहे हैं।
जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है विकास दुबे की हैवानियत के चश्मदीद हिम्मत जुटा रहे हैं और कानपुर के बिकरु गांव की उस खौफनाक रात की कई कहानियां सामने आ रही हैं।
लेकिन सवाल ये कि इतने बड़े अपराध को अंजाम देने वाला कानपुर का सबसे बड़ा क्रिमिनल आखिर गया कहां? ये वो सवाल है जो यूपी पुलिस को इस वक्त सबसे ज्यादा परेशान कर रहा है,क्योंकि दाग खाकी वर्दी पर भी है।अगर पुलिसवालों की शह ना होती तो विकास दुबे गैंगस्टर ना बना होता और अगर भेदिए का रंग खाकी ना होता तो शायद आठ पुलिसवाले शहीद ना होते।शायद यही वजह है कि महकमे ने मोस्ट वांटेड के सिर पर ढाई लाख का इनाम रख दिया है और जगह- जगह पोस्टर चिपका दिए हैं।

नेपाल से लेकर बीहड़ के जंगलों तक तलाश…

विकास दुबे के पंख कितने बड़े हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वारदात को अंदाज देने के बाद वो बड़ी आसानी से फुर्र हो गया और किसी को भनक तक नहीं लगी,अब हालत ये है कि सूबे की पुलिस की करीब पचास टीमें उसका सुराग ढूंढने में लगी है।शक है कि वो नेपाल भाग सकता है लिहाजा लखीमपुर तक नजर है,नेपाल से आने और नेपाल जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।शक ये भी है कि उत्तर प्रदेश का सबसे बडा गैंगस्टर चंबल के बीहड़ों में छिप गया है।

कानपुर मुठभेड़ के बाद एक्शनः दर्जनों लोग हिरासत में, 500 मोबाइल सर्विलांस पर

इस बीच विकास दुबे की तलाश और उसके गुनाहों के सबूत खंगालने के लिए दनादन गिरफ्तारियां भी हो रही हैं। फतेहपुर के एक गांव से एक संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई है,वहीं विकास दुबे की नौकरानी और दो रिश्तेदारों पर भी पुलिस ने शिकंजा कसा है,साथ ही बिकरु गांव यानी विकास दुबे के घर पर पुलिस की पैनी नजर है।
पुलिस को शक है कि विकास दुबे के घर के बगल में बने कुएं में कुछ सबूत मिल सकते हैं।मोटर लगाकर कुएं का पानी खाली किया जा रहा है ताकि कुछ और रहस्यों से पर्दा हट सके।पुलिस को शक है कि कुएं के भीतर पुलिस के गायब हुए हथियार मौजूद हो सकते हैं।
भले ही अब पुलिसवालों की नींद उड़ गई हो,लेकिन विकास दुबे के गुनाहों का अगर हिसाब करेंगे तो पता चलेगा कि उसमें पुलिसवाले भी बराबर के भागीदार थे। खासकर SO विनय तिवारी और उसकी पूरी टीम,SO विनय तिवारी के खिलाफ CO देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालीन SSP को लिखित शिकायत भी की थी।लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी और जब चिड़िया खेत चुग गई तो भेदिया टीम को सस्पेंड कर दिया गया।
ये हकीकत है कि अगर गैंगस्टर का कोई गॉडफादर ना होता तो शायद 8 पुलिसवाले शहीद ना होते,ये सही है कि खाकी और खादी ने उसे शह नहीं दी होती तो पूरे राज्य की पुलिस एक अपराधी को पकड़ने के लिए खाक नहीं छान रही होती।

अब एक्शन में आई योगी सरकार…

कानपुर मामले में यूपी पुलिस और सरकार की किरकिरी के बाद अब बदमाशों पर पलटवार की तैयारी है,योगी सरकार ने ऑपरेशन क्लीन शुरू किया है। यूपी के टॉप बदमाशों की अब सरकार अच्छे से खबर लेगी,एनसीआर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तो पुलिस एक्शन में आ गई है और गैंगस्टरों पर शिकंजा कस दिया गया है।कानपुर के बिकरू गांव में चार रोज पहले एक कुख्यात गैंगस्टर ने जो तांडव मचाया वो यूपी पुलिस के इतिहास का काला अध्याय बन गया है। पुलिस इससे अरसे तक उबर नहीं पाएगी। एक गैंगस्टर को दबोचने में आठ पुलिसवालों की शहादत के बाद अब योगी सरकार फुल एक्शन में आई है,कानून व्यवस्था को लंबे अरसे से ठेंगा दिखाते आ रहे बदमाशों की अब खैर नहीं है।खुद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के आला अधिकारियों को माफिया और गैंगस्टरों पर हल्ला बोल के सख्त निर्देश दिए हैं।पुलिस को खुली छूट दी गई है, मकसद एक ही है…हर हाल में बड़े अपराधियों पर पूरी तरह से नकेल कसनी है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…