सेन्चुरी क्षेत्र में माफियाओं ने चलाया हरियाली समाप्ति का अभियान..
वन क्षेत्र में खड़ी हरी भांग को काटकर कर रहे लाखों की कमाई…
मुज़फ्फरनगर/उत्तरप्रदेश:—चोरी और सीना जोरी की शानदार नज़ीर इस रसीद से बढ़कर क्या होगी जिसे देखकर कोई भी आश्चर्य चकित हो जाएगा ज़रा इस रसीद को देखकर गौर कीजिये कि ताली एक हाथ से तो हरगिज़ नहीं बज रही जंगली जानवरों के लिये महफूज़ किये गये हस्तिनापुर सेन्चुरी क्षेत्र में भाँग माफियाओं अपने होंसलों का लोहा मनवाते हुवे बड़े क्षेत्र में हरियाली को समाप्त कर डाला है जंगली जानवरों आवारा गौ वंश के लिये पनाह बनी हरियाली को काटकर बेसहारा जानवरों के आशियाने को भी समाप्त किया जा रहा है। भाँग व गिलोय तथा अन्य वनस्पति को काटकर लाखों करोडों का खेल माफियाओं द्वारा खेला जा रहा है।
मोरना, भोपा, भोकरहेडी, ककरौली, शुकतीर्थ खादर के सेंचुरी क्षेत्र में वन भूमि पर खडी हरियाली पर माफियाओं की गिद्ध दृष्टि पड गयी है। लॉकडाउन के चलते प्रदूषण कम होने व पिछले दिनों हुई बारिश ने हरियाली को चार चांद लगा दिये थे किन्तु माफियाओं ने एक बड़ी रकम अर्जित करने की खातिर इस हरियाली को समाप्त करने का अभियान चलाते हुए वन भूमि पर खडी हरी वनस्पति को काटकर धरती का नंगा कर दिया है। प्रतिदिन सैकडों व्यक्ति दर्जनों ट्रेक्टर्स ट्रॉलियों में भांग, गिलोय, अर्जुन के पेड व अन्य वनस्पति को धडल्ले से काटकर लाखों करोडों का खेल खेल रहे हैं। भांग से निकलने वाले नशीले उत्पाद की कीमत लाखों करोडों में बताई गयी है। वहीं ग्रामीणों को घरेलू नुस्खों में मुफ्त मिल जाने वाली औषधियों को माफियाओं द्वारा काटकर स्मगल किया जा रहा है। वन क्षेत्र में खडी हरी वनस्पति के समाप्त हो जाने से जंगली जानवरों के रहने की समस्या भी पैदा हो गयी है। हरियाली समाप्त हो जाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से इन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वन क्षेत्राधिकारी सिंहराज सिंह पुण्डीर की माने तो पिछले वर्ष भी इन माफियाओं पर कार्रवाई की गयी थी और अब भी की जाएगी किसानों और आम आदमी को ज़रा ज़रा सी बात पर कानून बताने वाले क्षेत्र में तैनात दर्जनों वन कर्मचारी ये सब देखकर अनजान हैं कारण साफ है पर्यावरण बचे न बचे जंगल बचे न बचे उनकी जेबें सलामत रहनी चाहियें
पत्रकार कबीर रिज़वान अली की रिपोर्ट…