योगी सरकार का ‘आगरा मॉडल’ हुआ ध्वस्त, मेरठ और कानपुर भी आगरा बनने की राह पर,

*योगी सरकार का ‘आगरा मॉडल’ हुआ ध्वस्त, मेरठ और कानपुर भी आगरा बनने की राह पर. . . . .*

*यूपी कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप- कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा छुपा रही है सरकार*

*कोरोना से दिवंगत पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ के परिवार को 25 लाख की मदद तुरंत दी जाए*

*लखनऊ।* उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमित मामलों का आंकड़ा एक तरफ जहां अन्य राज्यों के मुकाबले तेज रफ्तार से बढ़ रहा हैं, वहीं योगी सरकार का तथाकथित ‘आगरा मॉडल’ ध्वस्त हो चुका है। प्रदेश में अभी तक 3, 467 कोरोना मरीजों में से अकेले आगरा से 756 केस आए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि प्रदेश सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी से निपटने के लिये देश में आगरा मॉडल पेश किया था, जिसे खूब प्रचारित भी किया गया, जबकि हकीकत में कोरोना से ताजनगरी आगरा शहर सबसे अधिक प्रभावित हुआ है।
उन्होने कहा कि जब मैंने आगरा में प्रदेश सरकार के झूठ को उजागर किया और आगरा को बचाने को कहा, तब सरकार होश में आयी। आगरा में महामारी बेकाबू हो गयी है। आगरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हटाना सरकार की असफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होने कोरोना से हुई आगरा के वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ की मृत्यु पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से श्री कुलश्रेष्ठ के परिजनों को 25 लाख रुपए की सहायता तत्तकाल दिए जाने की मांग की। श्री लल्लू ने कहा कि प्रदेश के दूसरे प्रमुख शहर मेरठ और कानपुर भी कोरोना महामारी से सर्वाधिक चपेट में है। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों पर सरकारी अधिकारियों के दबाव से महामारी की हकीकत को छिपाया जा रहा है, जिसका परिणाम प्रदेश की निर्दोष आम जनता को भुगतना होगा।
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि संचार माध्यमों और मीडिया संस्थान से यह खबर पुख्ता हुई है कि सरकार पुलिस के दम पर कोरोना महामारी में मर रहे लोगों का आंकड़ा छुपा रही है, पूरे प्रदेश में टेस्टिंग का आंकड़ा बहुत ही कम है। योगी सरकार प्रदेश के सभी डॉक्टर, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मी जनों के लिए अभी तक बेहद जरूरी पीपीई किट तक उपलब्ध नही करवा पायी है। सरकार पीपीई किट्स के घोटाले को उजागर करने पर भ्रष्टाचारियों की जगह पत्रकारों को प्रताड़ित कर रही है, इसे बर्दाश्त नही किया जायेगा। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा अनुबंधित कई प्राइवेट लैबों के कोरोना टेस्ट संदिग्ध पाये गये है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक बहराइच, सीतापुर और नोएडा की प्राइवेट लैबों द्वारा घोषित कोरोना के 10 पॉजिटिव टेस्ट सरकारी लैब में दुबारा टेस्ट करने पर निगेटिव पाये गये हैं। यह कोरोना के मरीजों की जिंदगी के साथ भयानक खिलवाड़ है।
*”हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,*