ये कारवां जिधर से गुजरा खुशियां ही लुटाता गया…

ये कारवां जिधर से गुजरा खुशियां ही लुटाता गया…

पप्पू रिजवान की ओर से इटकॉली में रोजेदारों में बंटा इफ्तार का सामान व मास्क…

सुल्तानपुर। लॉक डाउन में दुश्वारियां झेल रहे लोगों की मदद में अब पप्पू रिजवान की नुमाइंदगी उनके बेटे भतीजे कर रहै हैं ये जहां जाते है इमदाद और पुरखुलूसी का पैगाम लेकर जाते है।साथ ही यह भी मशविरा देते हैं कि कोरोना को हराना है तो घर मे रहना है मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिन्ग मेन्टेन करना है।
सलाहियत व समाजसेवा का बीड़ा उठाये इनका कारवां सोमवार की देर शाम गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के इटकॉली गाँव पहुंचा था। वहां अदनान व हन्नान के मकान के सामने करीब डेढ़ दर्जन लोग जमा थे जिन्हें पहले से चिन्हित व सूचित किया गया था। सब को सोशल डिस्टेंसिन्ग के मुताबिक लाइन से महिला व पुरुष की कतार में खड़ा किया गया था। फिर वहां मौजूद हन्नान की बुजुर्ग माँ के हाथों जरूरतमन्दों को इफ्तार के किट बांटे गए। इस किट में चना मटर दाल ब्रेड तेल सूजी चीनी बेसन खजूर आदि रहे। वहां मौजूद शकील इस्लामुद्दीन नौशाद कलीम फुरकान सुफियान फैज़ प्रज्ज्वल छोटू आदि ने रिजवान को लम्बी जिंदगी की दुआएं दीं। गौरतलब है कि जब से कोरोना का कहर बरपा है तभी से पप्पू रिजवान का पूरा परिवार इसी में जुट हुआ है। अपने गेस्ट हाउस में परदेशियों को ठहराया पहले खुद से मदद की भोजन कराया फिर प्रशासन को रेन बसेरा बनवाया। इहोने गारमेंट की फैक्ट्री बन्द हुई तो मास्क सिललवाए और मुफ्त में बाँट रहे। लंगर चलवाया राशन गांव गांव जाकर बिना पहचान कराए बांटा जो सिलसिला अभी चल ही रहा है। चुपचाप जाकर सैकड़ों लोगों को राशन मदद की है। जब से पाक रमजान का महीना आया है तब से इफ्तार की किट भी बाँट रहै हैं इन्हें किसी का गम देखा नही जाता कहते हैं लॉक डाउन ही नही अब तो ये कारवां निकल पड़ा है तो खुशियाँ लुटाता जाएगा।

“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट…