सचेन्द्र सिंह चौहान के द्वारा महाराणा प्रताप के शौर्य और तपस्या के बारे मैं सुनकर लोगो की आँखे हुई नम…

सचेन्द्र सिंह चौहान के द्वारा महाराणा प्रताप के शौर्य और तपस्या के बारे मैं सुनकर लोगो की आँखे हुई नम…

इटावा/उत्तर प्रदेश-: शौर्य और सम्मान के प्रतीक मेवाड़ मुकुट महाराणा प्रताप की जयंती समूचे जनपद मैं कई स्थानों पर श्रद्धाभाव से मनाई गयी।जनपद के चकरनगर मैं भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिला मंत्री सचेन्द्र सिंह चौहान(शिवम ठाकुर)ने भी लॉकडाउन का पालन करते हुए महाराणा प्रताप की जयंती मनाई।सचेन्द्र सिंह चौहान ने महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित कर घी के पांच दिए व एक ज्योत जलायी।सचेन्द्र चौहान ने महाराणा प्रताप के त्याग, तपस्या, सत्य पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप के विचारों पर चलकर आपस मैं भाईचारा बनाकर ही विश्व मैं शांति कायम होगी।उन्होंने कहा हमें महाराणा प्रताप के विचारों से प्रेरणा मिलती है जब हम उनके बारे मैं पड़ते हैं तो हमें अपने बवंशजो के ऊपर गर्व होता है हमारे पूर्वजों ने अपनी फिक्र छोड़कर इस देश को अखण्ड बनाने के लिए कार्य किया है।महाराणा प्रताप के सिद्धांतो से हमें सीखना चाहिए कि वो मरते दम तक मुगलों के आधीन नही हुए और हँसते हँसते भारत माता के लिए अपने प्राणों की बलि दे दी।हल्दीघाटी के युद्ध मैं अकबर की 80000 मुगल सेना का सामना महाराणा प्रताप के केवल 20000 सैनिकों ने किया।हमें उनके विचारों से कुछ सीखना चाहिए हमें उनके बताए रास्ते पर चलकर आपस मैं प्रेम और भाईचारे से रहना चाहिए,,पहले तो प्यार से अन्यथा फिर जो जिस भाषा मैं उसे उसी भाषा मैं समझाओ, अपने से छोटे व्यक्ति को कभी ना सताओ उनको सादर सम्मान दो यही रणनीति के साथ हमे कार्य करना चाहिए।महाराणा प्रताप के ललाट और बचपन से ही उनकी वीरता और उनके शौर्य को देखकर सभी उनसे सदैव प्रसन्न रहते थे।हमें सीखना चाहिए कुछ हल्दीघाटी से हमें सीखना चाहिए महाराणा प्रताप के उस त्याग से जो उन्होंने अपनी भारत माता के लिए अपना सर्वश्व न्यौछावर कर दिया अपनी सुख शांति को ठुकराकर अपनी भारत माता के लिए लड़ते लड़ते स्वाभिमान से अमर होना उचित समझा।

पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…