*मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए क्लिनिकों के बाहर प्रवासी मजदूरों की लंबी कतारें भी तो देखो सरकार*

*शराब तो शराब है ही, पर कतारें तो और भी हैं साहब…..*

*मेडिकल सर्टिफिकेट के लिए क्लिनिकों के बाहर प्रवासी मजदूरों की लंबी कतारें भी तो देखो सरकार*

*मुंबई।* बीते दो दिन से शराब की दुकानें खुलने के बाद उनके बाहर लगने वाली कतारों की जगह-जगह से रिपोर्ट आई हैं। लेकिन यहां किसी और कतार के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। मुंबई में प्राइवेट क्लिनिकों और बीएमसी क्लिनिकों के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं, कतारों में लगे लोग प्रवासी मजदूर हैं। महालक्ष्मी में एक निजी क्लिनिक के बाहर प्रवासी मजदूरों का हुजूम उमड़ा है। यहां कतार शराब की दुकानों से कहीं ज्यादा लंबी है।
इसी क्षेत्र में सबसे बड़ा धोबी घाट है। यहां क्लिनिक में प्रवासी मजदूर अपना मेडिकल चेकअप कराने के लिए आ रहे हैं। भीड़ इतनी ज्यादा है कि पुलिस यहां लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कह रही है। मुंबई पुलिस के अधिकारी मजदूरों को समझाते दिखते हैं कि क्या कोरोना लेकर अपने गांव जाओगे। सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखो, सबका मेडिकल होगा, यहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ एनजीओ कार्यकर्ता भी लोगों को गाइड करते और व्यवस्था बनाते दिखे।
दरअसल दिक्कत है कि हर मजदूर ट्रेन से अपने मूल स्थानों को लौटना चाहता है। इसके लिए पहले से ही वहां बहुत दबाव है। पुलिसकर्मी प्रवासी मजदूरों को बसों से लौटने के लिए कह रहे हैं। वहीं प्रवासी मजदूरों का कहना है कि बसों का किराया बहुत है जिसे भरना उनके बस का नहीं है। इन मजदूरों के मुताबिक उनके पास मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने लायक पैसे भी नहीं हैं।
*”हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,*