दर्दनाक वारदात, पत्नी का कत्ल कर भागा सिपाही..
गला घोंटने के बाद चार गोलियां मारी…
शिकोहाबाद/उत्तर प्रदेश:- शिकोहाबाद में दिल को दहला देने वाली घटना हुई है। लोगों की सुरक्षा में तैनात सिपाही ने अपने ही घर में भक्षक का काम किया। पत्नी की निर्ममता से हत्या की और फिर तीन बच्चियों को लेकर फरार हो गया। इतना ही नहीं वारदात को अंजाम देने के बाद सिपाही ने पत्नी के भाई को फोन करके हत्या की बात कही और लाश को उठाकर ले जाने को कहा। घटना शहर के आवास विकास कॉलोनी की है।मामले के अनुसार 2008 में सिपाही यतेंद्र यादव और इटावा के भर्तना निवासी सरोज की शादी हुई थी। दोनों के तीन बेटियां 10 वर्षीय आकांक्षा, 8 साल पारुल, चार साल की अनन्या हैं। सिपाही की तैनाती आगरा में पीआवी 112 पर है। मृतका के भाई के अनुसार यतेंद्र के मथुरा की किसी युवती से अवैध संबंध थे। एक वर्ष पूर्व युवती के नाबालिग होने के कारण उसके स्वजनों ने पुलिस में शिकायत की तो उसे एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया। अब बहाली के बाद से यतेंद्र पत्नी के साथ मारपीट करने लगा। अवैध संबंधों के कारण दोनों में आये दिन विवाद होने लगा। आवास विकास कॉलोनी के जिस मकान में सरोज रहती थी, वो मकान उसके नाम था। यतेंद्र मकान बेचने का दवाब सरोज पर बना रहा था। 25 अप्रैल की रात यतेंद्र ने सरोज के भाई को फोन किया और कहा कि तेरी बहन को मैंने मार दिया है। लाश उठाकर ले जा। सरोज के भाई ने तत्काल बहन के मोबाइल पर फोन किया तो नहीं उठा। इसके बाद पुलिस को फोन कर सूचित किया तो पुलिस वाले बताए गए पते पर पहुंचे तो मकान के दरवाजे पर ताला लटका देखकर लौट गए। सोमवार सुबह मृतका का भाई और पिता शिकोहाबाद थाने पहुंचे और पुलिस को साथ लेकर आवास विकास कॉलोनी गए। अभी भी दरवाजे पर ताला लटका हुआ था। आसपास देखने पर एक खिड़की पर चाबी रखी हुई मिल गई। ताला खोलकर अंदर जाने पर देखा तो आंगन में सरोज की लाश पड़ी हुई थी। तीनों बच्चियां भी गायब थीं। एसपी आरए राजेश कुमार के अनुसार आरोपित सिपाही का किसी युवती से अवैध संबंध थे। इसके चलते पति- पत्नी दोनों में आये दिन विवाद होता था। मकान पत्नी के नाम होने से आरोपित सिपाही मकान बेचने का दवाब भी पत्नी पर बनाता था। वारदात स्थल से तीनों बच्चियां भी गायब हैं। आशंका है कि आरोपित ने बच्चियों के साथ कोई अनहोनी न कर दी हो। मामले की जांच चल रही है। आरोपित की तलाश में टीम लगा दी गई है।वारदात स्थल पर पहुंची फॉरेंसिक टीम को मिले साक्ष्यों में मरने से पहले सरोज द्वारा संघर्ष करने की पुष्टि हुई है। दीवारों पर बिखरा खून और टूटी चूडि़यों से पता चल रहा है कि सरोज ने अपने आपको बचाने की पूरी कोशिश की थी। सरोज का पहले गला घोंटा गया था। उस दौरान उसने संघर्ष किया होगा। इसके बाद उसके सीने और पेट में दो-दो गोलियां यतेंद्र ने अपनी पिस्तल से दागी थीं।आवास विकास कॉलोनी में जिस क्षेत्र में सरोज रहती थी वहां आसपास काफी सुनसान रहता था। मकान के बगल में सिर्फ एक घर है जिसमें निर्माण कार्य चल रहा है। संभवत: यतेंद्र द्वारा चलाई गई गोलियों की आवाज किसी को सुनाई नहीं दी होगी। और वो वारदात को अंजाम देने के बाद आसानी से फरार हो गया।एसपी आरए के राजेश कुमार ने बताया कि आरोपित सिपाही के बारे में आगरा पुलिस से बात की गई तो पता चला है कि यतेंद्र 25 अप्रैल से ही अनुपस्थित है। संभवत: उसी दिन उसने वारदात को अंजाम दिया होगा।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट…