कोविड-19 : रिजर्व बैंक गवर्नर द्वारा घोषित एडवाइजरी का बैंकों द्वारा व्यापारियों को लाभ न देने से व्यापारियों की आर्थिक मुश्किलें बढ़ी..
-मध्यमवर्गीय व्यापारी चौतरफा आर्थिक संकट से घिरा- आदर्श व्यापार मंडल ने बैंकों को स्पष्ट आदेश देने की वित्त मंत्री से मांग की
लखनऊ 24 अप्रैल। उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) संजय गुप्ता ने केंद्रीय वित्त मंत्री से बैंकों के लिए स्पष्ट आदेश देने की मांग की।
व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा घोषित की गई एडवाइजरी का बैंकों द्वारा व्यापारियों को लाभ नहीं दिया जा रहा है। बैंक ऋण खातों की किस्ते भी काट रही है तथा खातों को एनपीए भी घोषित करने का दबाव बना रही है। तथा पूर्व से दो किश्त बाकी वाले खातों को एनपीए घोषित कर रही है ऐसे में लॉक डाउन की अवधि के बाद व्यापारियों के सामने एक साथ कई किस्ते जमा करने और एनपीए खातों को एनपीए से पी ए में लाने की चुनौती बड़ी समस्या बन जाएगी और ऐसा न कर पाने की दशा में बंधक रखी गई संपत्ति को नीलामी की कार्रवाई से व्यापारियों को बचाना मुश्किल होगा।
व्यापारी नेता संजय गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों का व्यापार बिल्कुल बंद है। व्यापारियों के सामने अनेक प्रकार के खर्चे है तथा रिजर्व बैंक के गवर्नर की एडवाइजरी जारी करने की मंशा भी इसी प्रकार की थी कि 3 माह तक व्यापारियों एवं अन्य लोगों को किस्तों की राहत मिल सके किंतु बैंक ऐसा नहीं कर रहे हैं जिससे व्यापारियों की चिंता बढ़ गई ह-। संजय गुप्ता ने वित्त मंत्री से मांग रखी है कि व्यापारियों को व्यापार करने के लिए जल्द से जल्द बैंकों द्वारा अतिरिक्त पूंजी की व्यवस्था करनी चाहिए। तथा 3 माह का ब्याज पूरी तरह से माफ होना चाहिए और मूल रकम 6 माह के किस्तो को एक मुश्त रकम में बदलकर अप्रैल 2021 के बाद 12 बराबर की किस्तों में वसूल करना चाहिए। आज बाजारों में पैसे की तरलता का अभाव है और लोग-डाउन खुलने के बाद व्यापार कैसे होगा इसकी चिंता है। अतः व्यापारियों को जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा कर्ज़ उपलब्ध कराना चाहिए।
“हिंद वतन समाचार” की रिपोर्ट, , ,