अधिवक्ता व उनकी बहन की हत्या के मामले में गिरफ्तार सपा एमएलसी भाइयों सहित जेल भेजे गए…
पंचमुखी हनुमान मंदिर व उसकी एक एकड़ भूमि के विवाद में जमकर हुई फायरिंग: कोतवाल ने भागकर बचाई जान…
एमएलसी व उनके दोनों भाई हैं हिस्ट्रीशीटर, अकेले कमलेश पाठक पर दर्ज हैं 32 मुकदमे: रायफल, रिवाल्वर व 4 तमंचे बरामद…
लखनऊ/औरैया। मंदिर एवं मंदिर की भूमि के वर्चस्व के विवाद में औरैया के मुख्य बाजार में कल दिनदहाड़े दो पक्षों के बीच जमकर हुए संघर्ष व फायरिंग में अधिवक्ता मंजुल चौबे व उनकी 25 वर्षीय चचेरी बहन शिक्षिका सुधा चौबे की हत्या के मामले में गिरफ्तार समाजवादी पार्टी के एमएलसी कमलेश पाठक उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख संतोष पाठक एवं छोटे भाई रामू व चालक सहित सभी छह लोगों को आज जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के अनुसार दोहरे हत्याकांड में गिरफ्तार लोगों के लाइसेंसी शस्त्र निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
एसएसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि पकड़े गए लोगों के कब्जे से एक रायफल, एक रिवाल्वर एवं चार तमंचे व बड़ी संख्या में कारतूस बरामद हुए हैं। एमएलसी के गनर को निलंबित कर दिया गया है। कोतवाली पुलिस की भूमिका की भी जांच की जा रही है, अगर पुलिसकर्मियों की लापरवाही मिली तो उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होने बताया कि सपा के विधान परिषद सदस्य कमलेश पाठक व उनके भाई संतोष पाठक एवं रामू तीनों की हिस्ट्रीशीट खुली हुई है तथा अकेले एमएलसी कमलेश पाठक पर ही हत्या, हत्या का प्रयास आदि के 32 मुकदमे दर्ज हैं, इन पर 7 क्रिमिनल लॉ एक्ट के अलावा रासुका भी लग चुकी है।
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ राजनीति शुरू करने वाले कमलेश पाठक पर 20 साल की उम्र में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। कमलेश पाठक कल जब पंचमुखी मंदिर गए थे तभी दूसरे पक्ष के अधिवक्ता मंजुल चौबे से उनकी कहासुनी हो गई तथा मंजुल गुट ने उन हमला कर दिया। कमलेश पाठक ने इसकी सूचना पुलिस को दी, इसी बीच दोनों गुट के लोग भिड़ गए और फायरिंग में वकील मंजुल चौबे व शिक्षिका सुधा चौबे की गोली लगने से मौत हो गई तथा एक राहगीर घायल हो गया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि गोलीबारी के समय वहां मौजूद सदर कोतवाल आलोक दुबे ने भागकर जान बचाई।
कानपुर जोन के आईजी मोहित अग्रवाल के अनुसार मंदिर की भूमि पर कब्जे के विवाद को लेकर यह घटना हुई है। उन्होने कहा कि एमएलसी के गनर द्वारा भी गोली चलाए जाने के आरोप की जांच शुरू कर दी गई है। शहर के मुख्य बाजार में स्थित करीब एक एकड़ में फैले सौ साल पुराने पंचमुखी हनुमान मंदिर के 95 वर्षीय महंत वीरेंद्र स्वरुप पाठक ब्रह्मलीन हो गए थे, जिनकी समाधि कमलेश पाठक गुट मंदिर परिसर में ही बनाना चाहता था जबकि मंजुल चौबे गुट इसका विरोध कर रहा था।
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,