चंद घंटों में खत्म होगा रामभक्तों का सदियों लंबा इंतजार…
अयोध्या, 22 जनवरी। तिथि द्वादशी,दिन साेमवार,अभिजीत मुहुर्त में दोपहर करीब 12 बज कर 28 मिनट पर मंगल ध्वनि के बीच मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की श्याम वर्ण किशोरावस्था प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा और 1949 से पूजित प्रतिमाओं के दर्शन पूजन के साथ दुनिया के करोड़ों रामभक्तों के नेत्रों से खुशी की अमृत धारा बह निकलेगी जब वे अपने आराध्य को भव्य मंदिर में विराजते देखेंगे।
लगभग पांच सदी के लंबे इंतजार के बाद इस शुभ घड़ी के आते ही श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले कारसेवकों,राजनीतिज्ञों और संत महात्माओं की आत्माओं को भी मोक्ष की प्राप्ति होगी वहीं उन तमाम साधु संत,धर्माचार्य, बुद्धिजीवी और राजनेताओं का जीवित रहते खुली आंखों से भव्य मंदिर में रामलला को विराजते देखने का सपना पूरा होगा।
इस सपने को साकार होता देखने की खातिर अयोध्या आज सारी रात जागती रही। रामनगरी का कोई ऐसा मोहल्ला, गली नहीं होगी जहां रात का सन्नाटा पसरा हो। सड़कों पर मेले जैसा नजारा,श्रद्धालुओं की भीड़ अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के आगमन की तैयारी में ठीक वैसे ही लगी रही जैसा कि शास्त्रों में त्रेता युग में वनवासी राम के अपने महल में वापसी के समय वर्णित किया गया है। जगह जगह अखंड रामायण का पाठ रविवार शाम से ही शुरु हो चुका था जबकि भाेर चार बजे से ही सरयू तट पर स्नान ध्यान,मंदिरों में बजते घंटे घड़ियाल इस बात की तस्कीद करा रहे थे कि रामभक्तों की बेचैनी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर किस कदर चरम पर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 10.45 पर अयोध्या हैलीपैड पर उनका आगमन होगा। यहां से वो सीधे राम जन्मभूमि स्थल पर पहुंचेंगे। इसके बाद 11 बजे से 12 बजे तक वह विभिन्न आयोजनों में हिस्सा लेंगे, जबकि दोपहर 12.05 बजे से 12.55 तक प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा। दोपहर एक बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह समारोह स्थल पर पहुंचेंगे, जहां अन्य विशिष्ट अतिथियों के साथ ही पूरे देश और दुनिया को संबोधित करेंगे। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपना उद्बोधन देंगे।
समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। वाराणसी के गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे तथा काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य राममंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में काशी के डोम राजा समेत विभिन्न वर्गों से 15 यजमान सपत्नीक शामिल होंगे।
भव्य और दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर समाज के निचले पायदान से भी भागीदारी सुनिश्चित की गयी है। उदयपुर से वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष रामचन्द्र खराड़ी, असम से राम कुई जेमी, गुरुचरण सिंह गिल जयपुर, कृष्ण मोहन हरदोई रमेश जैन मुल्तानी, अझलारासन तमिलनाडु, विट्ठल राव कामले मुम्बई, महादेव गायकवाड़ घुमंतू समाज, ट्रस्ट लातूर महाराज, श्री लिंगराज वासवराज अप्पा, कलबुर्गी कर्नाटक, दिलीप वाल्मीकी लखनऊ, अनिल चौधरी, डोमराजा काशी औकर काशी के ही कैलाश यादव, कवीन्द्र प्रताप सिंह तथा पलवल हरियाणा के अरुण चौधरी प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के यजमान होंगे।
प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा देश के दिग्गज उद्योगपति,खेल और फिल्मी दुनिया के सितारों समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहेंगे। नवनिर्मित भव्य मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के विराजमान का साक्षी बनने को तैयार देश दुनिया के करोड़ों रामभक्त अपनी इस प्रसन्नता को व्यक्त करने के लिये देर शाम घी के दीपक जलायेंगे जिससे देश में दिवाली सा माहौल होगा।
इस अवसर पर पूरी अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है। अवधपुरी में उत्सव सा माहौल है। फूलों से सजी अयोध्या जी में जन्मभूमि पथ से लेकर राम पथ, भक्ति पथ और धर्म पथ की अलौकिक आभा देखते ही बन रही है। सांस्कृतिक नृत्य और वादन के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर प्रदेश के साथ-साथ देश भर की परंपराओं और कला का समागम हो रहा है। हर तरफ भगवान राम के भजन सुनने को मिल रहे हैं। ऐसा लग रहा है मानों रघुनंदन के अभिनंदन के लिए पूरा स्वर्ग ही धरती पर उतर आया है।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए राम मंदिर परिसर समेत पूरे अयोध्या धाम को फूलों से सजाया गया है। जन्मभूमि स्थान में अलग-अलग तरह के देशी विदेशी फूलों से सजावट की गई है, जबकि जन्मभूमि पथ, राम पथ, धर्म पथ और लता चौक पर भी सुंदर फूलों की सजावट है। विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच बनाए गए हैं। विभिन्न धर्माचार्यों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर राम कथा का आयोजन हो रहा है तो विभिन्न देशों की रामलीलाओं का मंचन भी किया जा रहा है। लता चौक पर लगी वीणा को भी लाइटिंग और फूलों के अद्भुत संगम से रौशन किया गया है। पूरे अयोध्या धाम में म्यूरल पेंटिंग और वॉल पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीराम की जीवनी से जुड़े अलग-अलग अध्यायों का चित्रण किया गया है।
राम की पैड़ी में सरयू आरती के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लेजर शो धार्मिक अलख जगा रही है। अयोध्या धाम का ऐसा कोई स्थान नहीं जो फूलों से या एलईडी लाइटिंग से रौशन न किया गया हो। यही नहीं, अयोध्या आने वाले विभिन्न हाईवे भी फूलों और लाइट से सजाए गए हैं। कुल मिलाकर अयोध्या में स्वर्ग जैसा अहसास हो रहा है। इसके साथ ही सूर्यास्त के बाद अयोध्या में दस लाख दीयों से दीपोत्सव की भी तैयारी की गई है। वहीं पूरे देश और दुनिया में भी दीपोत्सव मनाया जाएगा।
श्री मोदी और श्री योगी ने सूर्यास्त के बाद देशवासियों से कम से कम पांच दीप प्रज्ज्वलित करने का आग्रह किया है। प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया 16 जनवरी से ही शुरू हुयी थी। 16 जनवरी को जहां प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन कराया गया था, वहीं 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश हुआ था। 18 जनवरी को तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास के साथ ही श्रीराम लला विग्रह को उनके स्थान पर विराजमान किया गया। 19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, 19 जनवरी को धान्याधिवास, 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास और 21 जनवरी को मध्याधिवास और शय्याधिवास कराया गया।
प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सात हजार से ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया है। इसमें साधु संतों के साथ विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों को बुलाया गया है। देर रात तक इनमें से कई लोग अयोध्या धाम पहुंच चुके हैं, जबकि बाकी लोग भी 22 को सुबह तड़के पहुंचने वाले हैं। इसके अतिरिक्त भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी। इसके साथ ही, भारत के इतिहास में पहली बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है।
प्राण प्रतिष्ठा में विभिन्न परंपराओं के लोगों को भी स्थान दिया गया है। शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएं इसमें भाग लेंगी। गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा।
श्रीराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मद्देनजर अयोध्या में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। धाम की सुरक्षा को लेकर इसे दो जोन रेड और यलो में बांटा गया है। एसपीजी, एनएसजी ब्लैक कैट कमांडो, सीआरपीएफ कोबरा, सीआईएसएफ, आरएएफ, एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। चप्पे-चप्पे पर यूपी पुलिस के सुरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं। घरों की छतों से लेकर अहम लोकेशंस पर स्नाइपर्स की भी तैनाती है। साथ ही इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ भी गतिविधियों पर नजर रख रही है।
धाम में प्रदेश के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक डीएसपी, लगभग 325 इंस्पेक्टर व 800 उपनिरीक्षकों को तैनात किया गया है, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 11,000 जवानों को अतिरिक्त तैनात किया गया है। वहीं वीआईपी सुरक्षा के लिए तीन डीआईजी, 17 एसपी, 40 एएसपी, 82 डीएसपी, 90 इंस्पेक्टर के साथ एक हजार से ज्यादा कॉस्टेबल और 4 कंपनी पीएसी को तैनात किया गया है।
श्रद्धालुओं को दर्शनीय स्थलों की जानकारी देने के लिए 250 पुलिस गाइड भी उपलब्ध है। योगी सरकार ने धाम की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए आईटीएमएस, सीसीटीवी, कंट्रोल रूम एवं पब्लिक सीसीटीवी का भी सहारा ले रही है। एआई तकनीक पर आधारित एंटी ड्रोन सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय मोड पर है।
प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए अयोध्या-लखनऊ, अयोध्या-गोरखपुर, अयोध्या-प्रयागराज और अयोध्या-वाराणसी हाईवे को ग्रीन कॉरिडोर में बदला गया है। स्वयं के हेलिकॉप्टर व प्राइवेट चार्टर्ड प्लेन से आने वाले वीवीआईपी के लिए महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम के साथ-साथ 5 राज्यों के 12 शहरों के एयरपोर्ट्स में पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…