पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने का प्रारूप तैयार, विधि विभाग पर प्रक्रियाधीन…
जयपुर 9 मार्च। राजस्थान सरकार द्वारा पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने सम्बन्धित विभिन्न मामलो पर अपना जवाब पेश किया। गौरतलब हैं कि राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमों के नियम 295 के अन्तर्गत प्राप्त विशेष उल्लेख के प्रस्ताव द्वारा विधायक जोराराम कुमावत द्वारा इस सत्र में प्रदेश पत्रकारों की समस्याओं का निराकरण करवाने हेतु मुद्दा रखा था।
विधायक कुमावत द्वारा प्रदेश में महाराष्ट्र व हरियाणा की तर्ज पर इंडियन फैडरेशन ऑफ वर्किग जर्नलिस्ट द्वारा तैयार मसौदे के अनुसार पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने पर राज्य सरकार द्वारा यह कहा गया कि लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया जगत के कल्याण के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। राजस्थान प्रदेश में महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर पत्रकार सुरक्षा कानून का प्रारूप तैयार कर विधि विभाग को भिजवाया गया है। जिस पर विधि विभाग द्वारा कानून को लागू करने के सम्बन्ध में वर्तमान में उपलब्ध कानून आईपीसी/सीआरपीसी होने के बावजूद इस कानून के औचित्य के बारें में पूछा गया। इस पर विभाग द्वारा इसकी आवश्यकता प्रतिपादित करते हुये दिनांक 23.11.2019 को पत्रावली पुनः विधि विभाग को भिजवाई गई है, जो प्रक्रियाधीन है।
पत्रकारों को पेंशन दिलवाने के प्रश्न पर विभाग ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन के लिये पत्रकार कल्याण के लिये बजट घोषणा वर्ष 2019-20 के बिन्दु संख्या 181 के अनुसरण में राजस्थान वरिष्ठ अधिस्वीकृत पत्रकार सम्मान योजना को पुनः प्रारम्भ किया जा रहा है। तथा उक्त योजना के बजट हेतु नोटिफिकेशन दिनांक 27.01.2020 को जारी हो चुका है।
कई बार क्षेत्र के भूमाफियाओं तथा असामाजिक तत्वों द्वारा पत्रकारों पर झूठे मुकदमों पर स्पष्ट किया गया कि निदेशालय स्तर पर पत्रकारों से सम्बन्धित प्रकरणों का तत्परता से निस्तारण किया जा रहा है। पत्रकारों को मेडिक्लेम सुविधा उपलब्ध करवाने सम्बन्धित मुद्दे पर विभाग ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में अधिस्वीकृत पत्रकारेां को 03 लाख रूपये की कैशलेस मेडिक्लेम बीमा पाॅलिसी की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। साथ ही अधिस्वीकृत पत्रकारो को मेडिकल डायरी की सुविधा प्रदान करवाई जा रही है। जिसके अन्तर्गत वार्षिक 05 हजार रूपये तक की निःशुल्क दवा उपभोक्ता सहकारी भण्डारों से प्राप्त की जा सकती है।
आवास उपलब्ध करवाने के क्रम में विभाग द्वारा कहा गया हैं कि शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत पत्रकारों को आवास निर्माण हेतु निःशुल्क भूखण्ड आवंटन स्वायत्त शासन विभाग के अधीन निकायों की आवासीय योजनाओं में रियायती दरों पर अधिस्वीकृत पत्रकारों के लिये 02 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जाता है। अधिस्वीकृत पत्रकारों को राज्य पथ परिवहन निगम की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। विभाग द्वारा प्राप्त प्रत्युत्तर के अनुसार विधायक कुमावत ने इस पर अतिशीघ्र अमल करवाते हुये राज्य सरकार से अपील की कि राज्य सरकार में पत्रकार सुरक्षा कानून अतिशीघ्र लागू करवायें ताकि आमजन व पत्रकारों में विश्वास बना रहे तथा लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूती मिले। पत्रकारों के इस गम्भीर मुद्दे को विधानसभा में पुरजोर तरीके से रखने पर सुमेरपुर ,पाली जिला इकाई के
– आई एफ डब्ल्यू जे (इंडियन फैडरेशन वर्किंग जर्नलिस्ट ) के सदस्यों द्वारा विधायक कुमावत के प्रयासों पर आभार व्यक्त किया गया।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…