मुख्यमंत्री बोले- इलाज के लिये मदद देने में भेदभाव नहीं करती है सरकार, अखिलेश ने किया तंज…
लखनऊ, 29 नवंबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विवेकाधीन कोष से जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता देने में कोई भेदभाव नहीं करने का दावा करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी सरकार द्वारा समय पर उठाए गए कदमों के कारण राज्य में डेंगू नियंत्रण में है।
सदन में समाजवादी पार्टी (सपा) और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पर तंज करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि उन्हें एमबीबीएस की डिग्री मिल गई है। यादव ने प्रदेश के अस्पतालों में उपचार के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी वजह से राज्य में अनेक लोगों की मौत हुई है।
मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में कहा, ‘सरकार द्वारा समय पर उठाए गए कदमों के कारण डेंगू नियंत्रण में है। सभी जिलों को ‘ब्लड सेपरेटर यूनिट्स’ दी गई हैं।’
डेंगू के मामलों पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों द्वारा दिए गए कार्यस्थगन नोटिस पर योगी ने कहा कि उनकी सरकार संचारी और जल जनित बीमारियों की जांच के लिए साल में तीन बार विशेष अभियान चला रही है।
योगी ने मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘हम चेहरा, जाति या धर्म देखकर मदद नहीं करते हैं, बल्कि हर जरूरतमंद नागरिक को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से सहायता प्रदान करते हैं।’
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा, ”समस्या सभी मुद्दों का राजनीतिकरण करने, समाज में अव्यवस्था और असंतोष पैदा करने की है। हमने इसे कोरोना महामारी के दौरान भी देखा है जब आप लोग ‘मोदी वैक्सीन’ कहकर ‘वैक्सीन’ (टीका) के खिलाफ लोगों को गुमराह कर रहे थे।”
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के वक्तव्य पर तंज करते हुए कहा कि कुछ समय के लिए ऐसा लग रहा था कि सदन के नेता के पास एमबीबीएस की डिग्री है।
यादव ने ऐसे कथित मामलों का हवाला दिया जहां डेंगू से पीड़ित लोगों को राज्य की राजधानी में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाना पड़ा जिसके परिणामस्वरूप पर्याप्त उपचार के अभाव में मरीजों की मौत हो गई।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, सपा विधायक लालजी वर्मा और अन्य ने मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि अपर्याप्त इंतजाम के कारण प्रदेश में डेंगू से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने राज्य के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक पर अन्य मामलों में अधिक रुचि लेने और अन्य विभागों के कामकाज पर अपनी ऊर्जा लगाने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने डेंगू से जान गंवाने वालों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने और निजी अस्पतालों में इलाज पर हुए खर्च की भरपाई करने की भी मांग की।
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ” जो सरकार डेंगू जैसी बीमारी का इलाज नहीं करा पा रही है, वह एक हजार अरब की अर्थव्यवस्था का सपना देख रही है। अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए एम्बुलेंस, स्ट्रेचर और बेड उपलब्ध नहीं हैं।”
यादव ने कहा, ‘यह सरकार की अक्षमता के कारण हुआ, जिसके कारण मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज न मिलने पर निजी अस्पतालों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।’
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आरोप लगाया कि सपा सदस्य शोर मचाने में अधिक रुचि रखते हैं। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि 2017 से पहले राज्य में अस्पतालों की क्या स्थिति थी।
प्रदेश में सपा की पिछली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पाठक ने उस समय प्रदेश में ‘इंसेफेलाइटिस’ बीमारी से बड़ी संख्या में हुई मौतों का भी जिक्र किया।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…