आईपीईएफ सदस्य राष्ट्रों को मानकों, पारदर्शिता, समावेशिता व नवाचार में शीर्ष पर ले जाने का कर रहे हैं प्रयास : बाइडन…

आईपीईएफ सदस्य राष्ट्रों को मानकों, पारदर्शिता, समावेशिता व नवाचार में शीर्ष पर ले जाने का कर रहे हैं प्रयास : बाइडन…

सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका), 17 नवंबर । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के 14 सदस्य आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन तथा स्वच्छ अर्थव्यवस्था संबंधी तीन महत्वपूर्ण पहलों पर आम सहमति पर पहुंच गए हैं। यह कदम उन्हें शीर्ष मानक स्थापित करने, पारदर्शिता, समावेशिता तथा नवाचार की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा।

आईपीईएफ में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, अमेरिका और वियतनाम शामिल हैं। बाइडन की पहल पर मई 2022 में इसकी शुरुआत की गई। आईपीईएफ की यहां मंत्री-स्तरीय बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया।

बाइडन ने बृहस्पतिवार को आईपीईएफ देशों के लिए आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कहा, ‘‘साफ साफ कहूं तो अमेरिका और मेरे सहकर्मी सभी राष्ट्रों में और हिंद-प्रशांत में शीर्ष पर पहुंचने..मानकों, पारदर्शिता, समावेशिता तथा नवाचार के मामले में राष्ट्रों को शीर्ष पर ले जाने की होड़ चल रही है।’’

अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘साथ मिलकर हम एक बेहतर भविष्य बनाने जा रहे हैं, जहां श्रमिकों को उचित मौका और उन्हें उनके हक का उचित हिस्सा मिलेगा, जहां उच्च मानकों तथा टिकाऊ वृद्धि की जीत होगी जहां हम अपने लोगों की पूर्ण ताकत तथा क्षमता का इस्तेमाल करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि (आईपीईएफ) के भागीदार देशों को अभी और काम करना है, हालांकि अभी तक उन्होंने पर्याप्त प्रगति की है।

बाइडन ने कहा, ‘‘आज, हम उस महत्वपूर्ण पहल पर प्रगति की घोषणा कर रहे हैं जिसे हमने यहां अपने 13 सहयोगियों के साथ प्रस्तावित किया था।’’ उन्होंने कहा कि आईपीईएफ तीन मुद्दों पर आम सहमति पर पहुंच है।

राष्ट्रपति बाइडन ने कहा, ‘‘पहला, हमने आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं की पहचान करने में मदद करने के लिए अपनी तरह के पहले आपूर्ति श्रृंखला समझौते पर हस्ताक्षर किए, इससे पहले कि वे उस तरह के व्यवधान बन जाएं जिनका सामना हमने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान किया था। हमने देखा था कि अमेरिका और अन्य जगहों पर क्या हुआ था। अमेरिका की सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला एशिया तथा अमेरिका में रुक गई थी और काफी कुछ ठप पड़ गया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा, हमने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए एक समझौता किया है, जिसमें हमारे साझेदार देशों में स्वच्छ ऊर्जा, नवाचार तथा बुनियादी ढांचे में अमेरिकी और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को सक्षम बनाना शामिल है।’’

बाइडन ने कहा, ‘‘तीसरा, हमने भ्रष्टाचार से निपटने तथा कर तंत्र में सुधार के लिए एक समझौता किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हमारा व्यापार तथा निवेश स्वच्छ व पारदर्शी हो। निजी कंपनियों को अपने निवेश के उचित इस्तेमाल को लेकर कोई चिंता न हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा है कि हमें और भी काम करना है। हमने उच्च मानक व्यापार नियमों में प्रगति की है जिसमें मजबूत श्रम और पर्यावरण मानक शामिल हैं।’’ बाइडन ने कहा कि सरकार का निवेश काफी नहीं है और निजी निवेश जुटाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

वहीं कार्यक्रम में जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो ने कहा कि आईपीईएफ वार्ता ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा, ‘‘जापान आईपीईएफ को महत्व देता है। हिंद-प्रशांत में आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने के रणनीतिक दृष्टिकोण से…आईपीईएफ इस क्षेत्र के प्रति अमेरिका की सक्रिय प्रतिबद्धता को दर्शाता है और हम अमेरिका द्वारा उठाए गए जिम्मेदार रुख का स्वागत करते हैं। यह क्षेत्र के सतत आर्थिक विकास के लिए आवश्यक रूपरेखा है, जिसे सटीक तरीके से आज की जरूरतों को प्रतिबिंबित करने के लिए तैयार किया गया है।’’

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…