!!.बुंदेलखंड की संस्कृति का अपमान: नमस्ते ओरछा महोत्सव में…
लक्ष्मी मंदिर को प्रशासन ने किया नजरअंदाज…
विश्व में ऐतिहासिक पर्यटक नगरी ओरछा के मंदिर, महल और स्मारकों के जीर्णोद्धार का काम नमस्ते ओरछा महोत्सव के तैयारियों के दौरान करोड़ों रुपयों की लागत से किया गया, लेकिन इस बीच बुंदेलखंड सहित विश्व की आस्था का केंद्र लक्ष्मी मंदिर आज भी मूर्ति बिहीन वीरान पड़ा है l इस बात को लेकर सरकार की बेरुखी से बुंदेलखंड अंचल के लोगों में असंतोष है l धन की देवी लक्ष्मी के बेमिसाल मंदिर से करीब 37 वर्ष पहले महालक्ष्मी और नारायण की प्रतिमा चोरी गई थी l जब से यह विशाल मंदिर वीरान है l क्षेत्र की जनता की आशा थी कि नमस्ते ओरछा के दौरान मंदिर में प्रतिमा स्थापना के साथ मंदिर की खोई गरिमा और भव्यता फिर वापस लौटेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ l यह मंदिर प्रशासन की अनदेखी और उपेक्षा का शिकार हो गया l विश्व में ओरछा का मंदिर पर्यटको के लिए बेहद खास है l समृद्धि की देवी लक्ष्मी को समर्पित यह मंदिर वास्तुकला का जीता जागता उदाहरण है l इस मंदिर का निर्माण देवी लक्ष्मी के वाहन उल्लू और श्री यंत्र के आकार में किया गया है l यही कारण है कि बुंदेलखंड के लोगों में इस मंदिर से अपार श्रद्धा है l आज की दीपावली के दिन ओरछा में मां लक्ष्मी मंदिर में पहुंचकर दीपक रख कर सुख समृद्धि की कामना करते हैं l लेकिन प्रशासन लोग की इस आस्था से बेखबर रहा और नमस्ते ओरछा की तैयारियों में यह मंदिर भी उपेक्षित रहा l मूर्ति विहीन इस मंदिर में सन 1983 में मां लक्ष्मी और नारायण की प्रतिमा चोरी कर ली गई थी l तभी से यह मंदिर वीरान है l नमस्ते ओरछा के दौरान लक्ष्मी मंदिर की प्रशासन द्वारा की गई को लेकर अनदेखी को लेकर जनता नाराज है l लोगों का मानना है कि बुंदेलखंड के लाखो लोगों में आस्था से जुड़े मां लक्ष्मी जी के मंदिर में प्रतिमाएं स्थापित की जाएं l
पंकज पाराशर की रिपोर्ट…