हमास-इजरायल आक्रमण पर अरब लीग देशों की आपात बैठक बुधवार को…
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा, उनका देश फिलिस्तीन के साथ, मिस्र और जार्डन के नेताओं से की बातचीत
काहिरा/रियाद, 10 अक्टूबर। इजरायल पर हमास के आक्रमण के बाद नभ से थल तक गरज रही मिसाइलों से इस्लामिक देशों में हलचल बढ़ गई है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति के अलावा मिस्र और जॉर्डन से बातचीत की है। इस बीच अरब लीग में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की बुधवार को आपात बैठक आहूत की गई है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
अरब लीग में इराक, जॉर्डन, सऊदी अरब, कुवैत, संयुक्त अरब अमीरात, मोरक्को, ओमान, कतर सहित 22 सदस्य देश हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बयान में कहा गया है कि यह असाधारण सत्र फिलिस्तीन की ओर से मिले निवेदन के बाद आहूत किया गया है। अरब लीग के डिप्टी चीफ होसाम जकी ने कहा है कि काहिरा में होने वाली इस असामान्य बैठक में अरब और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक कार्रवाई के रास्ते तलाशे जाएंगे, क्योंकि हमास के शनिवार के हमले के बाद इजरायल गाजा पट्टी में हमले कर रहा है। हमास के हमले के बाद अरब लीग के प्रमुख अहमद अबुल घेत रूस के दौरे पर पहुंचे हैं। उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ से मुलाकात की है। लावरोफ ने कहा कि फिलिस्तीन को अलग राष्ट्र बनाना ही इजरायल में शांति का सबसे विश्वसनीय समाधान है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्राउन प्रिंस ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बासी को आश्वासन दिया है कि उनका देश फिलस्तीनियों के अधिकार, उनकी उम्मीदों, महत्वाकांक्षाओं और शांति के लिए साथ खड़ा है। उधर, ईरान मुखर होकर फिलिस्तीनियों का समर्थन कर रहा है। ईरान और इराक ने ताजा घटनाक्रम की समीक्षा के लिए मुस्लिम देशों के संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आपात बैठक बुलाई है।इस्लामिक सहयोग संगठन की स्थापना 25 सितंबर, 1969 को 24 सदस्य देशों ने रबात (मोरक्को) में की थी। इसकी स्थापना का मकसद 21 अगस्त, 1969 को अल-अक्सा मस्जिद पर आगजनी का जवाब देना था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह द्वितीय और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी से फोन पर बात हुई है। तीनों नेताओं के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि गाजा और उसके आसपास के इलाको में इजरायल को आगे बढ़ने और इस क्षेत्र में उसके विस्तार को रोकने की कोशिशें तेज करनी होंगी। मोहम्मद बिन सलमान ने यह दुहराया है कि सऊदी अरब सभी अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेताओं के संपर्क में है। वह मौजूदा संघर्ष को रोकने और इसको बढ़ने से रोकने के लिए कोशिश कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ईरान के विदेशमंत्री हुसैन आमिर अब्दुलाहियान ने इराक के विदेशमंत्री फुआद हुसैन से फोन पर बात की है। ईरान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने फिलिस्तीन के पीड़ित लोगों की सहायता के लिए इस्लामी देशों के बीच सहयोग की जरूरत पर जोर दिया है। ईरान के विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर मुत्ताकी से भी बात की है।
उल्लेखनीय है कि फिलिस्तीनियों के हथियारबंद इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास को अमेरिका और ईयू ने आतंकवादी संगठन के तौर पर सूचीबद्ध किया है। तुर्किये इसे राजनीतिक आंदोलन की तरह देखता है। पश्चिम के देश तुर्किये को उसकी जमीन पर हमास की मौजूदगी को लेकर चेतावनी देते रहे हैं। 1980 के दशक में हमास के बनने के बाद से सऊदी अरब के साथ उसके सालों तक अच्छे संबंध रहे हैं। 2019 में सऊदी अरब में हमास के कई समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था। हमास ने बयान जारी कर सऊदी अरब की निंदा की थी। 2000 के दशक में हमास की करीबी ईरान से बढ़ी।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…