आज भारत की वैज्ञानिक सोच पंडित नेहरू की वजह से है: थरूर…
नई दिल्ली, 21 सितंबर । अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की बड़ी भूमिका को रेखांकित करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता का श्रेय किसी एक व्यक्ति या पार्टी को नहीं जाता और किसी एक सरकार में इतना बड़ा काम नहीं हो सकता, बल्कि लगातार कई सरकारों के प्रयासों से यह संभव हुआ है।
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के लंबे कालखंड में पंडित (जवाहरलाल) नेहरू के योगदान को कौन नहीं मानेगा। आज भारत की वैज्ञानिक सोच पंडित नेहरू की वजह से है।’’ थरूर ने कहा कि कम बजट में भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा देने का श्रेय भी पंडित नेहरू को जाता है।
लोकसभा में ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे राष्ट्र की अन्य उपलब्धियां’’ विषय पर चर्चा के दौरान अपने विचार रखते हुए कांग्रेस सांसद ने 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने की घटना का उल्लेख किया और सरकार को सुझाव दिया कि हर साल इस तारीख को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाए।
उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र का उल्लेख करते हुए कहा कि महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने भी इस क्षेत्र के वैज्ञानिक अनुसंधान से संबंधित महत्व को समझा था और देश में अंतरिक्ष अनुसंधान की नींव यहां रखी थी।
उन्होंने 1960 के दशक में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र की स्थापना से लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना के इतिहास का और लगातार कई वर्षों में भारत की अंतरिक्ष में सफलताओं का भी उल्लेख किया।
थरूर ने कहा कि देश के युवा भले ही आईआईटी जैसे संस्थानों को लेकर आकर्षित रहते हैं, लेकिन चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े अधिकतर वैज्ञानिक किसी ‘ग्लैमरस’ पृष्ठभूमि से नहीं आते।
थरूर ने कहा कि इस मिशन में शामिल रहे अधिकतर वैज्ञानिक केरल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों के छोटे इंजीनियरिंग कॉलेजों के पूर्व छात्र हैं।
उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और कुछ वर्ष बाद महिला वैज्ञानिकों की संख्या 90 प्रतिशत तक हो सकती हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए संसद की तरह किसी आरक्षण की जरूरत नहीं पड़ेगी।
थरूर के इस बयान पर वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने आपत्ति जताई।
इस पर कांग्रेस सांसद ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनका इरादा महिलाओं या महिला सांसदों के प्रति किसी प्रकार का असम्मान प्रकट करना नहीं है।
उन्होंने कहा कि उनका आशय था कि महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया क्योंकि यहां महिलाओं की संख्या अपर्याप्त है और विज्ञान के क्षेत्र में महिला वैज्ञानिकों की संख्या बढ़ रही है तो ऐसे किसी विधेयक की जरूरत नहीं पड़ेगी।
थरूर ने कहा कि वैश्विक मंच पर अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत कम बजट में तेजी से बढ़ रहा है और इसरो के पिछले 40 साल का खर्च नासा के छह महीने के व्यय के बराबर है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…