राजस्थान में पेट्रोल पंपों की सांकेतिक हड़ताल से पसरा सन्नाटा…

राजस्थान में पेट्रोल पंपों की सांकेतिक हड़ताल से पसरा सन्नाटा…

जयपुर, 13 सितंबर। राजस्थान में बुधवार से पेट्रोल पंपों की दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल है। राजधानी जयपुर समेत प्रदेश के शहरों और गांवों में इस हड़ताल का खासा असर दिखाई दे रहा है।

मंगलवार देर शाम से ही पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतारें लगी रहीं। बुधवार सुबह 10 बजे तक यही नजारा रहा। लोगों को डर था कि अगर गाड़ी में पेट्रोल नहीं भराया गया तो बाद में परेशान होना पड़ेगा। ऐसे में लोगों ने अपने दोपहिया और चार पहिया वाहनों में फ्यूल भरवाया। अधिकांश लोगों ने अपने वाहनों की टंकियों को फुल करवा लिया। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रदेश के कई पंपों पर फ्यूल खत्म हो गया। जहां फ्यूल नहीं होने के कारण पंप को पहले ही बंद करना पड़ा।

इसके बाद सुबह 10 बजे पेट्रोल पंपों को बंद कर दिया गया। इस दौरान कई वाहन चालकों की पंप कर्मियों से बहस भी हुई। वाहन चालकों ने कहा कि वह बहुत देर से लाइनों में लग रहे। इसलिए उन्हें फ्यूल चाहिए लेकिन पंप कर्मियों ने हड़ताल का हवाला देते हुए फ्यूल देने से साफ मना कर दिया। इसकी वजह से लोगों को निराश होकर बगैर फ्यूल लिए जाना पड़ा। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने प्रदेश में आज से दो दिन पेट्रोल पंपों की सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया है। इस दौरान पंप सुबह 10 से शाम 06 बजे तक बंद रहेंगे। फिर भी सरकार ने वैट कम नहीं किया तो राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन की 14 सितंबर की रात को बैठक होगी। इसके आधार पर पंप संचालक 15 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस दौरान पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे संचालित कोको पंप चालू रहेंगे।

एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष लादू सिंह ने बताया कि देश में सबसे ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में मिलता है। इससे पड़ोसी राज्यों से लगने वाले राजस्थान के 270 पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं। गाड़ियां पड़ोसी राज्यों से सस्ता तेल भरवाकर ही राजस्थान में एंट्री करती हैं। राजस्थान में कम तेल भरवाकर दूसरे राज्यों में जाकर भरवाते हैं। वैट विसंगति के मद्देनजर कई बार सरकार के प्रतिनिधियों को अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। संयोजक प्रदीप बाहेती ने बताया कि यह सिर्फ हमारी लड़ाई नहीं है। यह आमजन के लिए भी लड़ी जा रही लड़ाई है। क्योंकि फ्यूल पर वैट कम होगा तो ट्रांसपोर्टेशन की वजह से हर चीज में महंगाई से राहत मिलेगी। प्रदेश में वैट की दर पड़ोसी राज्यों के बराबर की जाए। पिछले दिनों से राज्य सरकार को ज्ञापन दिए जाने और मिलने के लिए समय मांगे जाने के बावजूद सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रुख नहीं अपनाया गया। हड़ताल के दौरान फ्यूल परचेज नहीं किया जाएगा।

हड़ताल के मद्देनजर पेट्रोल पंप संचालकों ने डिपो से पेट्रोल डीजल की खरीद भी बंद कर दी है। इससे राज्य सरकार को दो दिन में कई सौ करोड़ के नुकसान का अंदेशा है। राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी और संरक्षक सुनीत बगई फिलहाल हड़ताल का नेतृत्व कर रहे हैं। राजधानी जयपुर में भी सुबह 10 बजे फ्यूल पंप बंद किए गए हैं। आमजन को पेट्रोल डीजल नहीं मिलने से परेशानी उठानी पड़ रही है। अब शाम को 06 बजे बाद ही पेट्रोल डीजल मिल सकेगा। पेट्रोल पंप संचालक 13 सितंबर से दो दिनी हड़ताल पर हैं। एसोसिएशन का दावा है राजस्थान में 270 पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं। बॉर्डर जिलों के लोग पड़ोसी राज्यों में जाकर पेट्रोल भरवा रहे हैं। इस पर एसोसिएशन ने तर्क दिया है कि अगर वैट घटे तो राजस्थान में पेट्रोल लगभग 97 रुपये (16 रुपये सस्ता) और डीजल 90 रुपये (11 रुपये सस्ता) के आसपास पहुंच सकता है।

राजस्थान के पड़ोसी राज्यों गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में पेट्रोल और डीजल पर वैट प्रदेश की तुलना में बहुत कम है। इसके कारण डीजल 11 प्रति लीटर और पेट्रोल 8 से 9 रुपये प्रति लीटर सस्ता मिलता है। इसकी वजह से इन प्रदेशों से लगते राजस्थान के जिलों के पेट्रोल पंप पर बिक्री नगण्य हो गई है। पेट्रोल पंप संचालक लगातार घाटे में जा रहे हैं। स्थिति यह है कि गुजरात से निकलने वाला ट्रक डीजल भरवा कर और अतिरिक्त ड्रम में डीजल लेकर निकलता है। दिल्ली जाकर वापस डीजल ले रहा है, जबकि वह 80 फीसदी रास्ता राजस्थान में तय करता है, लेकिन यहां महंगा डीजल होने से भरवाते नहीं हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…