उत्तर कोरिया का दावा, घुसपैठ करने वाले अमेरिकी सैनिक ने शरण लेने की जताई इच्छा…
सियोल, 17 अगस्त। उत्तर कोरिया ने बुधवार को दावा किया कि पिछले माह उसके देश में घुसपैठ करने वाले अमेरिकी सैनिक ट्रेविस किंग ने माना है कि उसने यह कदम अमेरिकी सेना में अमानवीय दुर्व्यवहार व नस्लीय भेदभाव के कारण किया था।
इसके साथ यह भी दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी सैनिक ने यहां या किसी तीसरे देश में शरण लेने की इच्छा जताई है। वहीं, अमेरिका के रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हमारा ध्यान अमेरिकी सैनिक की सुरक्षित घर वापसी पर है।
गत 18 जुलाई को असैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) में संयुक्त सुरक्षा दौरे के दौरान सैन्य सीमांकन रेखा (एमडीएल) पार कर उत्तर कोरिया में प्रवेश करने वाले अमेरिकी सैनिक ट्रेविस किंग के वहां होने की यह उत्तर कोरिया की पहली सार्वजनिक स्वीकारोक्ति है। उत्तर कोरिया की सेना ने घुसपैठ करने पर किंग को हिरासत में ले लिया और सेना इसकी जांच कर रही है। इससे पहले, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि उत्तर कोरिया किंग की उपस्थिति से संबंधित सवालों का जवाब नहीं दे रहा है।
इधर, बुधवार को अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि किंग के संबंध में किए गए उत्तर कोरिया के दावे की हम पुष्टि नहीं कर सकते। किंग की सुरक्षित वापसी की सभी माध्यमों से कोशिश की जा रही है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और अन्य ने उत्तर कोरिया पर विदेशी बंदियों से राजनयिक छूट छीनने का आरोप लगाया है। कुछ विदेशी बंदियों ने अपनी रिहाई के बाद कहा कि उत्तर कोरिया की हिरासत में रहते हुए उनके अपराध की घोषणा दबाव के तहत की गई थी।
सैनिक के परिवार ने कहा कि ट्रेविस किंग की मां क्लॉडाइन गेट्स ने उत्तर कोरिया से अपील की है कि उनके बेटे के साथ मानवीय व्यवहार किया जाए। उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने अमेरिका को ‘बुराइयों का साम्राज्य’ बताते हुए कहा कि पहले अमेरिकी मानवाधिकार मुद्दे से निपटा जाएगा।
किंग (23) उत्तर कोरिया की संभावित आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए दक्षिण कोरिया में तैनात लगभग 28,000 अमेरिकी सैनिकों का हिस्सा थे।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…