इसरो ने चंद्र अभियान ‘लूना-25’ के प्रक्षेपण के लिए रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ‘रोस्कोस्मोस’ को बधाई दी…
बेंगलुरु, 11 अगस्त। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ‘रोस्कोस्मोस’ को उसके चंद्र अभियान ‘लूना-25’ के सफल प्रक्षेपण के लिए बधाई दी, जो 47 वर्षों में देश का पहला चंद्र अभियान है।
रूसी अभियान भारत के चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर पहुंचने की समयसीमा से मेल खाता है क्योंकि दोनों देशों के लैंडर के 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरने की संभावना है।
भारत और रूस दोनों का चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बनने का लक्ष्य है।
इसरो ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक संदेश में कहा, ”लूना-25 के सफल प्रक्षेपण पर रोस्कोस्मोस को बधाई। हमारी अंतरिक्ष यात्राओं में एक और मिलन बिंदु होना अद्भुत है। (भारत के) चंद्रयान-3 और (रूस के) लूना-25 अभियानों को उनके लक्ष्य हासिल करने के लिए शुभकामनाएं।”
शुक्रवार सुबह (भारतीय समयानुसार) प्रक्षेपित किए गए रूसी अंतरिक्ष यान को चंद्रमा के आसपास की यात्रा करने में लगभग 5.5 दिन लगेंगे। लूना-25 के चंद्र कक्षा में स्थानांतरित होने और अंत में चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा में प्रवेश करने की उम्मीद है।
केवल तीन देश चंद्रमा पर सफलतापूर्व उतरने में सफल रहे हैं: पूर्व सोवियत संघ, अमेरिका और चीन।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…