देसाई आत्महत्या: एडलवाइस के अधिकारियों को राहत नहीं, उनकी याचिका पर 18 अगस्त को सुनवाई करेगी अदालत…

देसाई आत्महत्या: एडलवाइस के अधिकारियों को राहत नहीं, उनकी याचिका पर 18 अगस्त को सुनवाई करेगी अदालत…

मुंबई, 11 अगस्त । बंबई उच्च न्यायालय ने प्रसिद्ध फिल्म कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी एडलवाइस कंपनी के अधिकारियों को तत्काल अंतरिम राहत देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।

अदालत ने कहा कि वह 18 अगस्त को उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।

न्यायमूर्ति एन. डब्ल्यू साम्ब्रे और न्यायमूर्ति आर. एन. लड्ढा की खंडपीठ ने देसाई की पत्नी को भी नोटिस जारी किया। मामला उनकी पत्नी ने ही दर्ज कराया है।

एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन राशेश शाह, एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी राज कुमार बंसल और कंपनी के दो अन्य अधिकारियों का नाम प्राथमिकी में बतौर आरोपी दर्ज किया गया है।

कंपनी के अधिकारियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने अदालत से उन्हें किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा देने और उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया।

लोक अभियोजक अरुणा कामत पई ने अदालत को बताया कि मामले में प्राथमिकी पिछले सप्ताह ही दर्ज की गई थी और मामले की जांच अब भी जारी है।

इसके बाद पीठ ने कहा कि वह याचिकाओं पर 18 अगस्त को सुनवाई करेगी।

अदालत ने कहा, ‘‘एक सप्ताह इंतजार करेंगे। हम मामले पर 18 अगस्त को सुनवाई करेंगे और मांगी गई अंतरिम राहत पर भी विचार करेंगे।”

जाने-माने फिल्म कला निर्देशक नितिन देसाई ने अपने वित्तीय ऋणदाता को 252 करोड़ रुपये के कर्ज भुगतान में चूक की थी और दिवाला अदालत ने उनके खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शरू करने की याचिका को स्वीकार किया था।

देसाई की कंपनी एनडी आर्ट वर्ल्ड प्राइवेट लिमिटिड ने दो बार में…2016 और 2018 में ईसीएल फाइनेंस से 185 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। जनवरी, 2020 से उनके समक्ष कर्ज भुगतान का संकट शुरू हुआ।

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ ने 25 जुलाई को एडलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन की देसाई की कंपनी के खिलाफ दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता प्रक्रिया शुरू करने की याचिका स्वीकार की थी।

एनसीएलटी के सदस्य (न्यायिक) एच वी सुब्बा राव और सदस्य (तकनीकी) अनु जगमोहन सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जितेंद्र कोठारी को अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया था।

आदेश में कहा गया था कि ऋणदाताओं ने 31 मार्च 2021 को कंपनी के खाते को गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) में वर्गीकृत किया है। 30 जून 2022 तक ऋण चूक (डिफॉल्ट) की कुल राशि 252 करोड़ रुपये थी।

देसाई का शव दो अगस्त को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में उनके स्टूडियो में लटका मिला। चार अगस्त को उनकी पत्नी खालापूर थाने में उनकी मौत के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज कराने पहुंची थीं।

इसके बाद शाह और बंसल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया। कोठारी और दो अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 34 (सामान्य मंशा) के तहत भी प्राथमिकी दर्ज की गई।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…