भारत में चाय का स्वर्ग है दार्जिलिंग…
भारतीय फिल्मों में तो आपने दार्जिलिंग को कई बार देखा होगा। हॉलीवुड की भी एक फिल्म में विश्व प्रसिद्ध दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे को दिखाया गया है। यह एक छोटी रेलवे सेवा जो पर्वतों से होकर गुजरती है। इस सफर में आप विहंगम प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ उठा सकते हैं। दरअसल दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल में स्थित एक हिल स्टेशन है और आप यहां बर्फ से ढंकी चोटियां देख सकते हैं।
देखा जाए तो लघु हिमालय यानी महाभारत पर्वत श्रृंखला में बसा दार्जिलिंग वास्तव में स्वर्ग सरीखा है। दार्जिलिंग शहर ब्रिटिश शासनकाल से ही पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता रहा है। साथ ही यहां के विशाल चाय बागान और गुणवत्तापूर्ण चाय की लोकप्रियता पूरे विश्व में है। वास्तव में दार्जिलिंग से विभिन्न प्रकार के चाय और विभिन्न गुणवत्ता वाले चाय का बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाता है।
युद्ध स्मारक
आज भले ही दार्जिलिंग एक शांत और खूबसूरत शहर है, पर इनका इतिहास काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है। इस शहर पर नियंत्रण करने के लिए कई युद्ध हुए हैं। आज की बात करें तो अलग गोरखालैंड की मांग करने वाले जब-तब छिटपुट हिंसा कर देते हैं। अगर आप दार्जिलिंग जा रहे हैं तो बर्फ से ढंकी विशाल चोटी की पृष्ठभूमि में बने दार्जिलिंग युद्ध स्मारक को देखना न भूले। यह जगह खासकर फोटोग्राफरों को काफी पसंद आता है।
दार्जिलिंग की प्रकृति
दार्जिलिंग में आप अल्पाइन और साल व ओक के पेड़ों से लैश समशीतोष्ण जंगलों को दखे सकते हैं। मौसम में परिवर्तन के बावजूद दार्जिलिंग के जंगल हरे-भरे हैं, जिससे पर्यटन को नया आयाम मिलता है। शहर में कुछ प्राकृतिक पार्क भी हैं। इनमें से पड़माजा नायडू हिमालियन जूलॉजिकल पार्क और लॉयड बॉटनिकल गार्डन प्रमुख है। शाम के समय में आपको इन जगहों पर बड़ी संख्या में प्रकृतिप्रेमी और फोटोग्राफर देखने को मिल जाएंगे। दार्जिलिंग कई किस्म के आर्किड के लिए भी जाना जाता है।
वन्यजीव
इस क्षेत्र में वन्यजीव के संरक्षण का जिम्मा पश्चिम बंगाल वन विभाग के पास है। इस क्षेत्र में पाए जाने वाले कुछ सामान्य जानवारों में एक सिंघ वाले गेंडे, हाथी, भारतीय बाघ, तेंदुआ और पाढ़ा प्रमुख है। दार्जिलिंग पक्षियों के लिए भी जाना जाता है। आप यहां ढेरों सुंदर प्रवासी पक्षियों को उड़ते हुए देख सकते हैं।दार्जिलिंग के माल रोड पर आप शॉपिंग का आनंद ले सकते हैं।
अगर आपको मोलभाव करना आता हो तो सस्ते दामों में कुछ अच्छी चीजें खरीद सकते हैं। स्थानीय लोग काफी मिलनसार होते हैं और यहां दुर्गा पूजा, दिवाली और काली पूजा पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अलावा यहां बड़ी संख्या में स्थानीय भी त्योहार मनाए जाते हैं। कहने की जरूरत नहीं, आप कभी भी दार्जिलिंग चलें जाएं, आपको माहौल उत्सवी ही मिलेगा। यहां के बौद्ध मठों में जाकर आप स्थानीय संस्कृति से रू-ब-रू हो सकते हैं।
खानपान
यहां के स्थानीय व्यंजन का लुत्फ उठाना एक यादगार अनुभव साबित हो सकता है। मोमोज (एक तरह की पकौड़ी) की इस क्षेत्र में खासी लोकप्रियता है। इसे गर्म सॉस के साथ परोसा जाता है और इसे चिकन, बीफ, वेजटेबल या पोर्क के साथ बनाया जाता है। अन्य स्ट्रीट फूड में विभिन्न तरह के नूडल के सूप और कुछ मसालेदार चावल प्रमुख है।
औपनिवेशिक निर्माण
दार्जिलिंग में आप कई औपनिवेशिक निर्माण देख सकते हैं। ब्रिटिश शासनकाल के दौरान यह शहर काफी व्यवस्थित हुआ करता था। ज्यादातर भवनों को आज भी सुरक्षित रखा गया है और आप शहर में ब्रिटिश शासनकाल के अवशेष भी देख सकते हैं। यहां के गौथिक शैली में बने चर्च की खूबसूरती देखने लायक है।
दार्जिलिंग के लोग शहर को और ज्यादा घूमने लायक बना देते हैं। वे काफी जीवंत होते हैं और कई तरह के वाद्य यंत्र बजाने में माहिर होते हैं। संगीतप्रेमी अक्सर यहां के विभिन्न छोटे स्ट्रीट क्लबों के बारे में लिखते रहते हैं। देखा जाए तो यहां की संस्कृति में संगीत घुल सा गया है। अगर आप अकेले या परिवार के साथ कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो दार्जिलिंग एक आदर्श स्थान हो सकता है। कई छोटे-छोटे शहर यहां से करीब में ही हैं। अगर आप पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र में दूसरे शहरों को घूमना चाहते हैं तो दार्जिलिंग आपके लिए बेस का काम करेगा।
दार्जिलिंग और आसपास के पर्यटन स्थल
दार्जिलिंग में पर्यटकों के लिए काफी कुछ है। इनमें से हैप्पी वैली टी एस्टेट, लॉयड बॉटनिकल गार्डन, दार्जिलिंग हिमालियन रेलवे, बतासिया लूप व युद्ध स्मारक, केबल कार, भूटिया बस्टी गोंपा और हिमालियन माउंटेनीरिंग इंस्टीट्यूट और म्यूजियम प्रमुख है।
दार्जिलिंग का मौसम
दार्जिलिंग के मौसम को मुख्य तौर पर गर्मी, बरसात और ठंड में बांटा जा सकता है। गर्मी का मौसम जहां सामान्य होता है, वहीं यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है।
कैसे पहुंचें:-
सड़क मार्ग
नेशनल हाइवे 31 और नेशनल हाइवे 55 के जरिए दार्जिलिंग आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह सिलीगुड़ी और कलिम्पोंग से काफी नजदीक है।
ट्रेन द्वारा
दार्जिलिंग में रेलवे स्टेशन भी है। हालांकि बड़ा रेलवे स्टेशन सिलीगुड़ी के पास जलपाईगुड़ी में है, जो इसे राज्य और देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
एयर द्वारा
दार्जिलिंग पहुंचने के लिए सिलीगुड़ी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का सहारा लेना पड़ेगा। यह एयरपोर्ट देश के कुछ शहरों के अलावा विदेशों से भी जुड़ा हुआ है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…