महिला अस्पताल सुविधा शुल्क लेने के आरोपों से घिरी…
गाजियाबाद, । जिला महिला अस्पताल पर सुविधा शुल्क लेने के आरोपों से घिर गई है। एक और मामला सामने आने पर अस्पताल को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले 15 दिनों में ही अस्पताल के स्टाफ पर रिश्वत मांगने के दो आरोप लग चुके हैं। सुविधा शुल्क लेने के कई मामलों में जांच के आदेश हो चुके हैं और आरोपी कर्मचारियों के तबादले के आदेश भी पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद उपचार की एवज में सुविधा शुल्क लेने से स्टाफ नहीं डर रहा है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना समेत उत्तर प्रदेश सरकार की मातृ और शिशुओं की योजनाओं के तहत गर्भवती महिलाओं को निशुल्क उपचार की सुविधा है। जबकि कर्मचारियों ने सरकारी अस्पताल को कमाई का जरिया बना लिया है। बिना सुविधा शुल्क के प्रसव के लिए गर्भवती को भर्ती नहीं किया जा रहा। सामान्य डिलीवरी के लिए पांच हजार और सिजेरियन के लिए 10 से 15 हजार रुपये तिमारदारों से वसूले जा रहे हैं। निजी अस्पतालों में लाखों रुपये का खर्च बचाने के चक्कर में ज्यादातर तिमारदार डिलीवरी के लिए लिए बिना किसी से जिक्र किए सुविधा शुल्क दे रहे हैं। कुछ मामलों में महिला अस्पताल के कर्मचारियों पर तलवार लटकी हुई है।
लेबर रूम में मांगे जाते हैं पैसे : महिला अस्पताल के लेबर रूम में बच्चे के जन्म और खासतौर पर बेटा पैदा होने पर तैनात स्टाफ प्रसूता के परजिनों से बधाई देने की मांग करता है। इसके बाद वार्ड में आया और स्वीपर भी बधाई मांगते हैं। जब डिस्चार्ज होकर परिजन प्रसूता को घर ले जाने लगते हैं तो गेट पर बैठे सुरक्षाकर्मी भी परिजनों से बधाई मांगते हैं। अगर किसी को भी बधाई नहीं दी जाए तो मरीज और परिजनों को परेशान किया जाता हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…