साउंड इंजीनियरिंग में बनाए करियर…

साउंड इंजीनियरिंग में बनाए करियर…

इन दिनों फिल्मों में साउंड इफेक्ट्स पर काफी ध्यान दिया जाने लगा है। खासकर हॉलीवुड की फिल्लों में तो इसका जमकर इस्तेमाल होता है। लेकिन अब हिन्दी फिल्मों भी साउंड इफेक्ट का उपयोग खूब होने लगा है। स्लमडॉग मिलेनियर के फिल्म द्वारा साउंड ऐंड म्यूजिक में ऑस्कर अवार्ड्स जीतने के बाद साउंड इंजीनियरिंग एक उभरते करियर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। भारत में ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय साउंड इंजीनियरों की मांग बढती जा रही है।

वैसे, एनिमेटेड और ग्राफिक्स बेस्ड फिल्मों और टीवी चैनलों की संख्या में तीव्र बढ़ोतरी के अलावा रेडियो की बदलती तस्वीर से साउंड इंजीनियरिंग जैसे स्पेशलाइज्ड कोर्स की मांग और बढ़ गई है। साउंड इंजीनियर इलेक्ट्रॉनिक और मैकेनिकल उपकरणों का इस्तेमाल कर साउंड की कैप्चरिंग, रिकॉर्डिंग, कॉपी, एडिटिंग, मिक्सिंग और रीप्रोड्यूसिंग करते हैं।

कोर्सेज व योग्यता
कई संस्थानों द्वारा साउंड इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट तथा पीजी डिप्लोमा स्तर के कोर्स कराए जाते हैं। इनकी अवधि 6 माह से 3 वर्ष के बीच है, जो कि संस्थान द्वारा पढ़ाए जा रहे पाठ्यक्रम पर निर्भर करता है। इन कोर्सेज में दाखिले के लिए किसी विशेष शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं है। बारहवीं पास स्टूडेंट साउंड इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्सेज में दाखिला ले सकते हैं। पीजी डिप्लोमा स्तर के कोर्स के लिए किसी भी विषय में स्नातक डिग्री आवश्यक है। यदि आप मैथ्स व फिजिक्स का बैकग्राउंड रखते हैं, तो इस क्षेत्र में आसानी से तरक्की कर सकते हैं।

पाठ्यक्रम
साउंड इंजीनियरिंग कोर्स के तहत साउंड रिकॉर्डिंग, एडिटिंग व मिक्सिंग की तकनीकी व व्यावहारिक जानकारी दी जाती है। इसके अलावा छात्रों को रिकॉर्डिग टूल जैसे-टेप मशीन, स्पीकर, एम्पलीफायर्स, सिंगल प्रोसेसर तथा माइक्रोफोन आदि का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है। ऑडियो राइटिंग, बेसिक थ्योरी ऑफ साउंड फ्रिक्वेंसीज तथा साउंड स्पेशल इफेक्ट्स आदि के बारे में भी पढाया जाता है।

पर्सनल स्किल्स
इस फील्ड में आने के लिए म्यूजिक में रुचि, क्रिएटिविटी, तालमेल और टेक्निकल ज्ञान होना सबसे जरूरी है। इसके अलावा, टीम स्पीरिट, सेंस ऑफ पिच, टाइमिंग व रिद्म जैसी स्किल्स होनी चाहिए। साथ ही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से संबंधित एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और उसमें प्रोग्रेस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। साउंड की फ्रिक्वेंसी जैसे बेसिक टॉपिक से शुरुआत करते हुए रिकॉर्डिंग, पोस्ट प्रोडक्शन, लाइव साउंड और ब्रॉडकास्टिंग के बारे में जानकारी होना जरूरी है।

कार्य
साउंड इंजीनियर अपना कार्य दो स्तरों पर करता है-प्रोडक्शन लेवल तथा दूसरा पोस्ट प्रोडक्शन लेवल पर। प्रोडक्शन लेवल पर साउंड इंजीनियर का कार्य मेकेनिकल व इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस के द्वारा तरह-तरह की आवाजें बनाना तथा उन्हें रिकॉर्ड करना होता है। पोस्ट प्रोडक्शन लेवल पर उनको एडिट व मिक्स करके एक नई साउंड में तब्दील करना होता है।

कौन से हैं पद
साउंड इंजीनियरिंग से संबंधित कोर्स करने के बाद आप साउंड इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट इंजीनियर, साउंड एडिटर ऐंड मिक्सर, साउंड इफेक्ट एडिटर, म्यूजिक एडिटर, री-रिकार्डिग मिक्सर, स्टूडियो इंजीनियर, डायलॉग एडिटर, लोकेशन साउंड इंजीनियर आदि पदों पर काम कर सकते हैं।

संभावनाएं
कोई भी फिल्म व टीवी प्रोग्राम बिना साउंड के अधूरे हैं। फिल्मों व टीवी प्रोग्राम्स में साउंड इंजीनियरों व रिकॉर्डर की जरूरत पडती है। टीवी इंडस्ट्री के चैतरफा विकास से साउंड इंजीनियर्स का स्कोप बढता जा रहा है। टीवी व फिल्मों के अलावा आप एडवरटाइजिंग, ब्रॉडकॉस्टिंग तथा मल्टीमीडिया व एनिमेशन इंडस्ट्री में भी काम पा सकते हैं। नाम व अनुभव प्राप्त करने के बाद आप अपना रिकॉर्डिंग स्टूडियो भी खोल सकते हैं।

सैलरी पैकेज
साउंड इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सैलरी आपके पद, अनुभव तथा आप किस इंडस्ट्री (फिल्म, टीवी या रेडियो) से जुडे हैं, इस पर निर्भर करती है। किसी अच्छे इंस्टीट्यूट से कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में शुरुआती सैलरी 15,000 रुपये से 20,000 रुपये प्रतिमाह तक प्राप्त हो सकती है। जब आप इस फील्ड में एक बार जाने-पहचाने नाम बन जाएंगे, तो लाखों की कमाई कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान…

-दिल्ली फिल्म इंस्टीट्यूट, साउथ एक्सटेंशन,दिल्ली
-श्री ओरोबिंदो सेंटर फॉर आर्ट एंड कम्युनिकेशन, महरौली, नई दिल्ली
-फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, लॉ कालेज रोड, पुणे
-एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म ऐंड टीवी, नोएडा, उत्तर प्रदेश
-एमजीआर गर्वमेंट फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, सीआईटी कैम्पस, चेन्नई
-विस्लींग वुड्स इंटरनेशनल, गोरेगॉव, मुंबई
-सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता, वेस्ट बंगाल
-आडियोफिल इंस्टीट्यूट ऑफ साउंड इंजीनियरिंग, कोच्चि, केरल
-एसएई टेक्नोलॉजी कॉलेज, अंधेरी, मुंबई
-बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन, पाटलिपुत्र, पटना।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…