एनआईए ने नरेश भोक्ता की हत्या के मामले में बिहार और झारखंड में की छापेमारी…
नई दिल्ली, 08 जून । राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कार्यकर्ताओं द्वारा करीब पांच साल पहले की गई एक निर्मम हत्या के मामले में झारखंड तथा बिहार में सात स्थानों पर छापेमारी की। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। दो नवंबर 2018 को नरेश सिंह भोक्ता का अपहरण कर लिया गया था और उसी रात उनकी हत्या कर दी गई थी।
भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व और उसके नक्सली सदस्यों ने भोक्ता को संगठन की एक तथाकथित जन अदालत में पुलिस का मुखबिर करार दिया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। उसका शव बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बढ़ई बिगहा गांव के पास मिला था। एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि संघीय एजेंसी ने मामले में बिहार के गया तथा औरंगाबाद जिलों और झारखंड के पलामू जिले में आरोपियों तथा संदिग्धों के ठिकानों पर छापेमारी की।
एजेंसी ने पिछले साल इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया गया था और जांच शुरू की थी। अधिकारी ने कहा, ‘‘गिरफ्तार किए गए पांच कमांडर और भाकपा (माओवादी) के दो संदिग्ध ओजीडब्ल्यू/समर्थकों के घरों पर छापे मारे गए। छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, सिम कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण और कुछ दस्तावेज बरामद हुए।’’ मामले की जांच पहले बिहार पुलिस कर रही थी। एनआईए ने पिछले साल 24 जून को इस मामले को अपने हाथ में लिया था। इस संबंध में अभी तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…