लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
फर्जी बस कंडक्टर भर्ती मामले में रोडवेज के जीएम समेत तीन पर मुकदमा…
लखनऊ। पीआरडी जवान के नाम पर रोडवेज अफसरों ने 300 फर्जी बस कंडक्टरों की भर्ती कर डाली। सात साल बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर रोडवेज के जीएम समेत तीन अफसरों पर धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ है। यह केस फर्रुखाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर दर्ज हुआ। कोर्ट के इस आदेश के बाद रोडवेज अफसरों में खलबली मच गई है।
रोडवेज अफसरों ने 2011-12 में पीआरडी यानी प्रांतीय रक्षक दल के अफसरों से साठ-गांठ करके फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए संविदा पर बस कंडक्टर की भर्ती आगरा सिटी ट्रांसपोर्ट में की। अलीगढ़ में तैनात एआरएम वित्त ने भर्ती की जांच कराई। जांच रिपोर्ट के आधार पर अदालत में दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर की मांग की। इस मामले में कोर्ट ने निगम मुख्यालय पर तैनात प्रधान प्रबंधक (श्रम कल्याण) जेएन सिन्हा, मेरठ डिपो के एआरएम नीरज सक्सेना और फर्रुखाबाद के तत्कालीन पीआरडी विभाग के डीडीओ एके सिंह के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। यह था मामला रू वर्ष 2011 में फर्रुखाबाद डिपो में आरएम के पद पर रहते हुए नीरज सक्सेना आगरा सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी भी रहे। उन्होंने सिटी ट्रांसपोर्ट में संविदा पर तीन सौ बस कंडक्टर भर्ती के लिए पीआरडी जवान के नाम पर फर्जी भर्ती कर डाली। जांच रोडवेज के जीएम को मिली। उन्होंने आरएम के पक्ष में एमडी को जांच रिपोर्ट सौंप दी। गलत जांच रिपोर्ट की शिकायत का खुलासा होने के पर मुख्यालय के जीएम, आरएम और पीआरडी विभाग के अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…