बारिश का मजा लेना है तो यहां जाएं….

बारिश का मजा लेना है तो यहां जाएं….

लोनावाला महाराष्ट्र का खूबसूरत हिल स्टेशन है। मुंबई और पुणे का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले लोनावाला को महाराष्ट्र का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है। इसे सहाद्रि पहाड़ियों के मणि के नाम से भी जाना जाता है। यह समुद्र तल से 625 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बारिश का लुत्फ लेने के लिए लोनावाला भी बेस्ट जगह है। इसके साथ ही यहां पर घूमने की भी कई जगहें हैं, जिससे आप बारिश के साथ घूमने का भी लुत्फ ले सकती हैं। लोनावाला और इसके आसपास का क्षेत्र दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में महत्वपर्ण बौद्ध केंद्र था। इस क्षेत्र में अभी भी कई प्राचीन बौद्ध मंदिर हैं। इन मंदिरों का निर्माण पत्थरों को काट कर किया गया था। छत्रपति शिवाजी ने इस क्षेत्र पर शासन किया था।

गोवा
मानसून में गोवा घूमने का मन तो हर किसी का करता है, आखिर यह जगह है ही इतनी खूबसूरत जगह। वैसे तो गोवा में हर सीजन में काफी भीड़ रहती है। लेकिन बारिश के मौसम में तो और ज्यादा यह जगह खूबसूरत हो जाती है। बारिश की फुहारों और ठंडी हवाओं में मस्त होकर यहां के बीच पर घूमना बहुत अच्छा लगता है। धीमी-धीमी बरसात हो तो मौसम का मजा दोगुना हो जाता है। इस मौसम में आप गोवा के एक अलग ही रंग का मजा ले सकते हैं।

पुडुचेरी
बारिश के मौसम में पुडुचेरी घूमने का अपना अलग ही मजा है। यह देश के टांप पर्यटन स्थल की लिस्ट में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला स्थान है। यहां पर तट, स्मारक, खूबसूरत मंदिर, बीचेज आदि देखनें में बड़ा आनंद आता है। यहां पर भी मानसून में देश के विभिन्न स्थानों से लोग घूमने आते हैं।

चांदीपुर
भारत की खूबसूरत जगह चांदीपुर में घूमकर आप इस बार अपने मांनसून को यादगार बना सकते हैं। चांदीपुर तट उड़ीसा राज्य के बालेश्वर शहर से 16 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां पर कसुआरिना के पेड़ों और रेत के टीलों का नजारा देखने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं। यहां की झमाझम बारिश भी हर पर्यटक को यहां आने के लिए अट्रैक्ट करती है। चांदीपुर के समुद्र तट का असली आनंद दूसरे समुद्र तटों से हटकर है। समुद्र के अंदर काफी दूर चलने का यहां पर आपको मौका मिलता है, तब आपको दूर तक पानी के सिवा और कुछ नजर नहीं आता।

चेरापूंजी
अगर बात बारिश की हो और चेरापूंजी का नाम न उठे, ऐसा हो ही नहीं सकता। बारिश की राजधानी के रूप में मशहूर चेरापूंजी समुद्र से लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जो मेघालय की राजधानी शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। चेरापूंजी को सोहरा के नाम से भी जाना जाता है। यहां औसत वर्षा 10, 000 मिलीमीटर होती है। बारिश के मौसम में टूरिस्ट यहां पर दूर-दूर से आते हैं। हरियाली से सजी चेरापूंजी की पहाड़ियां बरबस ही लोगों को अपनी ओर खींच लेती हैं। ऊंचाई से गिरते पानी के फव्वारे, और उमड़ते घुमड़ते बादलों को देखने का यहां अपना अलग ही अनुभव है। चेरापूंजी में खासी जनजाति के लोग मानसून का स्वागत अलग ही अंदाज में करते हैं। मेघों को लुभाने के लिए लोक गीत और लोक नृत्यों का आयोजन किया जाता है जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

दार्जिलिंग
बारिश का मौसम और उसमें जा रहे हों दार्जिलिंग, तो आपको मजा आ जाएगा। यह शहर पश्चिम बंगाल में स्थित है। यहां पर होने वाली चाय की खेती पूरी दुनिया में मशहूर है। इसके अलावा दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल तथा प्रसिद्ध स्थलों के लिए लोकप्रिय है। बारिश के मौसम में यहां पर काफी संख्या में लोग घूमने आते हैं। यहां पर आप टांय ट्रेन का भी लुत्फ ले सकती हैं। टांय ट्रेन दार्जिलिंग के पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केंद्र है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…