लखनऊ।हिन्द वतन समाचार…
आंखों के सामने थम गईं पांच लोगों की सांसें…
तड़पकर हुई तीन बच्चों की मौत, एंबुलेंस की देरी बनी काल…
कानपुर/उत्तर प्रदेश: कन्नौज हादसे का शिकार हुए परिवार में गम और गुस्सा है। पानी से निकाले जाने के करीब 15 मिनट तक सभी की सांसें चलती रही थीं। बाद में एक-एक कर पत्नी, दो बच्चों, बहन और भांजे की सांसें उखड़ती चली गईं, वह कुछ नहीं कर सका। पांच लोगों की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है।
अगर समय पर एंबुलेंस पहुंच जाती तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। गौरव में गुस्सा इतना था कि परिजन उसे शांत करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन वह बार-बार हादसे के मंजर को सोचकर भड़क रहा था। गौरव कहना था कि हादसे के लिए लोक निर्र्माण और सिंचाई विभाग जिम्मेदार है।इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। गौरव ने बताया कि समय पर प्राथमिक उपचार मिल जाता तो कई जानें बचाई जा सकती थीं। नहर में कार के गिरते ही सबसे पहले सिपाही गौरव खिड़की से बाहर निकला। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से सभी लोगों को बाहर निकला गया।गौरव ने बताया कि करीब 15 मिनट तक पत्नी, बच्चे और बहन जिंदा रही। बाहर निकलने के बाद सबसे पहले पत्नी प्रिया ने बच्चों की तरफ देखा। करीब दो बार बेटी लाडो को पुकारा। वहीं बहन मोनी एक बार खड़ी भी हुई थी। हादसे का मंजर देखकर जमीन पर गिर पड़ी।इसके बाद फिर आंखें नहीं खोलीं। अगर 15 मिनट के अंदर एंबुलेंस टीम पहुंच कर प्राथमिक उपचार दे देती तो शायद उसका परिवार न उजड़ता। उसकी आंखों के सामने एक के बाद एक कर सांसें थमती गईं और वह कुछ नहीं कर सका।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…