भारत के लिए टॉप-10 में से 5 निर्यात बाजारों में कमजोर रही मांग, सरकार ने जारी किए आंकड़े…
नई दिल्ली, 15 अप्रैल । भारत से मार्च में होने वाला निर्यात 14 प्रतिशत कम रहा है। भारत के लिए निर्यात के लिहाज से 10 प्रमुख देशों में से 5 में मांग कमजोर रहने के कारण वस्तुओं के निर्यात में कमी दर्ज की गई। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, जर्मनी और हॉन्ग कॉन्ग में भारतीय वस्तुओं की मांग अधिक नहीं रही।
मार्च में देश से जितने मूल्य की वस्तुओं का निर्यात हुआ उनमें इन 10 देशों की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत रही। पिछले एक दशक से अमेरिका भारत के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार रहा है मगर मार्च में वहां भारतीय वस्तुओं की मांग 5.4 प्रतिशत कम होकर 7.32 अरब डॉलर रह गई।
इसी तरह, भारत के लिए दूसरे सबसे बड़े निर्यात बाजार संयुक्त अरब अमीरात में मांग 12.6 प्रतिशत कम होकर 2.70 अरब डॉलर रह गई। बांग्लादेश, जर्मनी और हॉन्ग कॉन्ग को होने वाले निर्यात में क्रमशः 28 प्रतिशत, 24.3 प्रतिशत और 28.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। इन दस बाजारों में नीदरलैंड (42.2 प्रतिशत), ब्रिटेन (17.5 प्रतिशत), सिंगापुर (10.9 प्रतिशत) और सऊदी अरब (18.6 प्रतिशत) को निर्यात बढ़ा है।
एक अच्छी बात यह रही कि मार्च के दौरान चीन को होने वाले निर्यात में सालाना आधार पर 1.68 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कई महीनों के बाद चीन के बाजार में आर्थिक गतिविधियां तेज होने से वहां भारतीय वस्तुओं की मांग में तेजी देखी गई।
गुरुवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में देश से होने वाली वस्तुओं का निर्यात सालाना आधार पर 13.9 प्रतिशत कम होकर 38.38 अरब डॉलर रह गया। भू-राजनीतिक तनाव, आसमान छूती महंगाई और दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से वैश्विक स्तर पर मांग पर नकारात्मक असर हुआ। मई 2020 के बाद मार्च में निर्यात का आंकड़ा सर्वाधिक कमजोर रहा।
संचयी आधार पर वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान निर्यात के लिहाज से 10 शीर्ष बाजारों चीन, बांग्लादेश और हॉन्ग कॉन्ग को होने वाले निर्यात में क्रमशः 27.9 प्रतिशत, 27.7 प्रतिशत और 9.9 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2023 के दौरान निर्यात सालाना आधार पर निर्यात महज 6 प्रतिशत बढ़कर 447.46 अरब डॉलर रहा। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2022 के दौरान सालाना आधार पर 44 प्रतिशत बढ़कर 422 अरब डॉलर रहा था।
वित्त वर्ष 2023 और 2022 दोनों के दौरान अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात भारत के लिए दो शीर्ष निर्यात बाजार रहे। नीदरलैंड को होने वाला निर्यात तेजी से बढ़ा और यह चीन को पीछे छोड़कर भारतीय वस्तुओं के लिए तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया। पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में इजाफा इसकी प्रमुख वजह रही।
मार्च में देश में आयात में भी कमी दर्ज की गई। आलोच्य अवधि के दौरान आयात सालाना आधार पर 7.89 प्रतिशत कम होकर 58.11 अरब डॉलर रह गया। संचयी आधार पर वित्त वर्ष 2023 के दौरान आयात 16.5 प्रतिशत बढ़कर 714 अरब डॉलर रह गया।
भारत जिन 10 देशों से सबसे अधिक आयात करता है उनमें केवल रूस और दक्षिण कोरिया से होने वाले आयात में मार्च के दौरान क्रमशः 258.6 प्रतिशत और 23.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई। बाकी 8 देशों- चीन (-14.8 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (-5.8 प्रतिशत), सऊदी अरब (-27.4 प्रतिशत), इराक (-36.3 प्रतिशत), इंडोनेशिया (-5 प्रतिशत), सिंगापुर (-14.3 प्रतिशत) और ऑस्ट्रेलिया (-3.2 प्रतिशत)- से होने वाले आयात में कमी दर्ज की गई। भारत ने मार्च में जितने मूल्य की वस्तुओं का आयात किया उनमें इन 10 देशों की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत रही। एक दिलचस्प बात यह रही कि रूस सऊदी अरब को पीछे छोड़कर मार्च में भारत का सबसे बड़ा आयात साझेदार बन गया।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…