प्रतिफल अंतर बढ़ा, डेट फंडों को अच्छी कमाई का मौका…
नई दिल्ली, 15 अप्रैल । अच्छी रेटिंग वाले बॉन्डों और जोखिमपूर्ण ऋण पत्रों द्वारा दिए जाने वाले प्रतिफल में अंतर बढ़ने से डेट फंड प्रबंधकों के लिए पोर्टफोलियो में कुछ हद तक ऋण जोखिम बढ़ाकर अतिरिक्त कमाई करने की संभावना बढ़ गई है।
प्रतिफल अंतर (जिसे ‘क्रेडिट स्प्रेड’ कहा जाता है) अक्टूबर 2022 से बढ़ा है। सरकारी बॉन्डों (जी-सेक) और 5 वर्षीय एए कॉरपोरेट बॉन्डों के प्रतिफल में अंतर सितंबर 2022 के 88 प्रतिशत से बढ़कर मार्च 2023 में 113 आधार अंक पर पहुंच गया। समान अवधि के दौरान 5 वर्षीय एएए कॉरपोरेट बॉन्ड और जी-सेक के बीच अंतर 16 से बढ़कर 54 आधार अंक पर पहुंच गया।
स्वतंत्र डेट बाजार विश्लेषक जयदीप सेन ने कहा, ‘प्रतिफल अंतर एक साल पहले काफी नीचे पहुंचने के बाद अब सामान्य हो रहा है। इसमें अभी और मामूली तेजी आ सकती है।’
जब यह अंतर कम हो तो अच्छी रेटिंग के पत्रों के अलावा अन्य में निवेश रिस्क/ रिवार्ड के नजरिये से अच्छा नहीं माना जाता है। हालांकि अब यह अंतर लगभग सामान्य हो गया है, इसलिए एएए रेटिंग से कम के बॉन्ड डेट फंड प्रबंधकों के पोर्टफोलियो में वापसी कर रहे हैं।
निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड में फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट्स के सीआईओ अमित त्रिपाठी ने कहा, ‘हमने सभी हाई ग्रेड परिसंपत्तियों के साथ साथ अच्छी गुणवत्ता की परिसंपत्तियों में निवेश बढ़ाया है, क्योंकि मूल्य निर्धारण परिवेश में सुधार आया है।’
एक अन्य एएमसी के फंड प्रबंधक ने कहा, ‘ऋण परिवेश में निश्चित तौर पर सुधार आया है। हमारे फंडों में कुछ ऋण जोखिम मौजूद है और हम यदि निर्गमकर्ता को पसंद करते हैं तो ऐसे ऋण पत्रों की खरीदारी करेंगे।’
क्रेडिट रिस्क फंडों के अलावा, सभी अन्य डेट योजनाओं में कम रेटिंग के पत्रों में निवेश की सीमित गुंजाइश है। कई मध्यावधि-दीर्घावधि फंडों को अपना 20 प्रतिशत तक निवेश कम रेटिंग वाले पत्रों में करने की अनुमति है। लेकिन ज्यादातर फंड प्रबंधक यह निवेश 10 प्रतिशत से नीचे बनाए रखते हैं।
कॉरपोरेट बैलेंस शीट को कर्ज मुक्त बनाने और लेनदारों की परिसंपत्ति गुणवत्ता सुधरने की वजह से ऋण परिवेश में सुधार के बीच ऋण का मूल्य निर्धारण तर्कसंगत हुआ है।
इंटरनैशनल मनी मैटर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) राहुल जैन ने कहा, ‘निवेशकों को जोड़े रखने के लिए, प्रतिफल में सुधार लाना होगा। कराधान में बदलाव के बाद, कुछ ऋण जोखिम उठाए बगैर प्रतिस्पर्धी कर-बाद प्रतिफल हासिल करना आसान नहीं होगा।’
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…