ओडिशा सर्किल के डाक विभाग ने फर्जी प्रमाणपत्र घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की…

ओडिशा सर्किल के डाक विभाग ने फर्जी प्रमाणपत्र घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की…

भुवनेश्वर, 11 अप्रैल । ओडिशा सर्किल के भारतीय डाक विभाग ने राज्य में जाली प्रमाण पत्र की बढ़ती घटनाओं के बीच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से मामले की जांच करने का आग्रह किया है।

विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि पोस्ट मास्टर जनरल (पीएमजी) ने फर्जी प्रमाण पत्र रैकेट की जांच के लिए भुवनेश्वर के सीबीआई एसपी को एक पत्र लिख कर आग्रह किया है।

प्रवक्ता के मुताबिक, डाक विभाग ने पाया कि ग्रामीण डाक सेवा (जीडीएस) की नौकरी के लिए उम्मीदवारों द्वारा जमा किए गए कुछ प्रमाण पत्र फर्जी थे। उन्होंने कहा कि डाक विभाग में नौकरी पाने के लिए कुछ अभ्यर्थियों ने नकली प्रमाणपत्रों एवं जाली अंकसूचियों का उपयोग किया।

डाक विभाग ने 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त अंकों के आधार पर जीडीएस के तहत पोस्टमास्टर और सहायक पोस्टमास्टर के पद के लिए लगभग 1,100 उम्मीदवारों का चयन किया है। उम्मीदवारों के चयन के लिए कोई लिखित या मौखिक परीक्षा की आवश्यकता नहीं है।

प्रवक्ता ने बताया कि बोलांगीर जिले में धोखाधड़ी की घटनाएं तब सामने आईं जब विभाग ने आवेदकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन शुरू किया। उन्होंने बताया कि 37 अभ्यर्थी ऐसे मिले जिन्होंने 10वीं की परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। इन सभी उम्मीदवारों ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद से प्रमाणपत्र प्राप्त किये हैं। इसके बाद विभाग ने सभी अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया।

डाक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भले ही उम्मीदवार ने अंग्रेजी भाषा में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों, लेकिन वह ठीक से एक आवेदन पत्र भी नहीं लिख पाया।

अधिकारी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने मामले की जांच राज्य पुलिस की अपराध शाखा को सौंपी है। चूंकि, मामला कई राज्यों से जुड़ा हुआ है, इसलिए डाक विभाग ने घटना की सीबीआई जांच कराए जाने का अनुरोध किया है।

अधिकारी ने बताया कि बोलांगीर पुलिस ने राज्य में फर्जी प्रमाणपत्र का रैकेट चलाने के आरोप में एक कोचिंग सेंटर के मालिक समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया कि बोलांगीर के अलावा कंधमाल, केंद्रपाड़ा, संबलपुर और कुछ अन्य जिलों से भी फर्जी प्रमाण पत्र की घटनाएं सामने आई हैं।

उन्होंने बताया कि डाक विभाग और शिक्षा विभाग की भर्ती में ज्यादातर फर्जी प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किए जाने का संदेह है।

इस बीच, ओडिशा के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ज्योति रंजन मिश्रा ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) और जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) को शिक्षकों की भर्ती में नकली प्रमाणपत्रों के उपयोग पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…